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सफाई के लिए कई संसाधन उपलब्ध, फिर भी गंदगी जस की तस
जागरण संवाददाता, भभुआ। भभुआ नगर परिषद के क्षेत्र का अब विस्तार अधिक हो गया है। 25 वार्डों वाले भभुआ नगर परिषद में कुछ नए क्षेत्रों में काफी अधिक मकान बन गए हैं। लेकिन अभी उन क्षेत्रों में विकास के कुछ कार्य नहीं कराए गए हैं। जबकि ऐसे क्षेत्रों में विकास के लिए बीते माह में लोगों के साथ नगर परिषद की टीम ने बैठक कर योजनाएं भी लीं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लेकिन अब तक स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं दिख रहा है। यह हाल तो नए क्षेत्रों का हैं, लेकिन पुराने जो मूल वार्ड हैं उनमें भी स्थिति कुछ ठीक नहीं है। सबसे खराब स्थिति सफाई व्यवस्था की है।
87 दैनिक सफाई कर्मी करते हैं काम
सफाई के नाम पर नगर परिषद की ओर से प्रतिमाह लगभग 35 से 40 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं। 87 दैनिक सफाई कर्मी कार्य करते हैं। एनजीओ के माध्यम से डोर टू डोर कूड़ा उठाव किया जाता है।
पहले नगर परिषद के पास बहुत संसाधन नहीं थे, लेकिन अब कई ट्रैक्टर, जेसीबी, पोकलेन मशीन, मैजिक वाहन आदि कई संसाधन उपलब्ध हैं। जिनके माध्यम से सुबह-शाम व रात में भी सफाई कराई जाती है। लेकिन कहीं डस्टबिन नहीं दिखता। इसके चलते सफाई होने के बाद जहां-तहां कूड़ा कचरा फेंकने से गंदगी कभी हटती ही नहीं।
कई जगहों पर नाली जाम
नगर की मुख्य सड़क की बात हो या वार्ड की गलियों की सभी जगह एक ही स्थिति है। कुछ जगहों पर तो ऐसी स्थिति रहती है कि गंदगी के चलते आना-जाना मुश्किल है। गंदगी में एक प्रमुख कारण गंदी नाली भी है। वार्ड की गलियों में कई जगहों पर नाली जाम है, जिसकी सफाई होती ही नहीं।
वह नालियां अब कूड़ा कचरा फेंकने की जगह बन गई है। इससे दुर्गंध भी उठती है। सबसे बड़ी समस्या नगर परिषद के पास अब तक कूड़ा डंप करने की जगह नहीं मिली है। दो जगह मिली भी तो ग्रामीणों ने वहां कूड़ा डंप करने से रोक दिया। इसके चलते आज भी नगर परिषद जहां-तहां कूड़ा डंप कर रहा है। जिससे न सिर्फ गंदगी फैल रही है बल्कि वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। |
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