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जंगल में जनहानि रोकने के लिए बनेगा 44 किलोमीटर का मार्ग। फाइल फोटो
संतोष श्रीवास्तव/योगेंद्र मौर्य, बहराइच। कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में दुर्लभ व खूंखार वन्य जीवों का भी बसेरा है। दर्जनों गांवों के लोगों को जंगल के रास्ते मिहीपुरवा आने के लिए विवश होना पड़ता है। ऐसे में उन्हें वन्यजीवों के हमले का खतरा बना रहता था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कई जानें भी जा चुकी है और लोग घायल भी होते रहे है, लेकिन अब जंगल में जनहानि रोकने के लिए बहराइच सांसद के प्रयास से 44 किलोमीटर का मार्ग बनाया जाएगा। इससे जंगलवर्ती गांवों के लोगों की जहां दूरी कम होगी। वहीं, उनकी जान भी सुरक्षित रहेगी।
सांसद डॉ. आनंद गोंड ने बताया कि कतर्निया जंगल से सटे आंबा, कारीकोट, चफरिया, चहलवा, बाजपुर बनकटी, बगखड़िया, सुजौली, गुलरिया, रमपुरवा, मटेही, धर्मापुर, हरखापुर, लालबोझा समेत समेत दो दर्जन से अधिक गांवों के को जंगल के रास्ते अपने गंतव्य की ओर जाना पड़ता था।
ऐसे में लोगाें को वन्यजीवों के हमले का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों की जान सुरक्षित रखने व उनके गंतव्य की दूरी को कम करने को लेकर सरयू लिंक नहर पटरी मार्ग पर मार्ग बनाने का प्रस्ताव सांसद ने भेजा था।
इस मार्ग के बनने के बाद ग्रामीणों की 20 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी और उनकी जान भी सुरक्षित रहेगी। ग्रामीणों को तहसील मुख्यालय आने के लिए बिछिया, मिहीपुरवा का ही एक रास्ता विकल्प है।
सांसद द्वारा दिए गए प्रस्ताव में गिरिजापुरी बैराज से 44 किलोमीटर लंबी सरयू नहर के किनारे 0.400 किलोमीटर से 44.165 तक खंड़जा मार्ग का निर्माण कराया जाएगा, जिसमें लिंक नहर के महादेव ड्रेन के समीप 0.850 पर एक पुलिया का निर्माण भी कराया जाएगा।
सरयू नहर खंड नानपारा के अधिशाषी अभियंता हर्ष कुमार ने बताया कि सांसद द्वारा नहर पटरी मार्ग के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया था। शासन द्वारा स्वीकृति मिल गई है। बजट आवंटित होते ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
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