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मुजफ्फरनगर में डेढ़ माह में ढेर हुए तीन कुख्यात
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की बदली कानून-व्यवस्था की जब बात होती है तब अपराधियों के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति की चर्चा भी जरूर होती है। इसी नीति के तहत खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुलिस बदमाशों पर लगातार कहर बनकर टूटी है। मुजफ्फरनगर पुलिस ने लगभग डेढ़ माह में तीन कुख्यातों को मार गिराया, जिनमें दो एक लाख के इनामी थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुजफ्फरनगर पुलिस ने शुक्रवार रात एक लाख के इनामी बदमाश मेहताब उर्फ गलकटा को मार गिराया था। मार्च 2017 से अब तक प्रदेश में कुल 251 अपराधी मारे गए हैं। इनमें सर्वाधिक 83 बदमाश मेरठ जोन में ढेर हुए।
मुजफ्फरनगर में मारे गए मेहताब पर हत्या व लूट समेत अन्य संगीन धाराओं में 18 मुकदमे दर्ज थे। वह शामली का हिस्ट्रीशीटर अपराधी था। इससे पूर्व 29 सितंबर को एक लाख के इनामी लुटेरे नईम कुरैशी को मुजफ्फरनगर पुलिस ने मार गिराया था।
नईम पर हत्या, लूट व डकैती समेत अन्य संगीन धाराओं में 30 मुकदमे दर्ज थे। मुजफ्फरनगर में ही 19 अगस्त को हत्या में वांछित अपराधी सादिक पुलिस मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हुआ था, जिसकी 26 सितंबर को जेल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
इस वर्ष किसी एक जिले में बदमाशों के मारे जाने की यह सर्वाधिक संख्या है। एडीजी मेरठ जोन भानु भास्कर का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराधियों के प्रति जीरो टालरेंस की नीति का अनुपालन पूरी सख्ती से कराया जा रहा है।
पुलिस रणनीतिक ढंग से बदमाशों की घेरेबंदी करती है। बदमाशों के गोली चलाने पर पुलिस भी उन्हें उसी भाषा में जवाब देती है। प्रदेश में 20 मार्च, 2017 से अब तक पुलिस व बदमाशों के बीच 15,588 से अधिक मुठभेड़ हुई हैं। इनमें 251 अपराधी मारे गए और 10 हजार से अधिक बदमाश घायल हुए हैं।
पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान लगभग 32 हजार अपराधियों को गिरफ्तार किया है। बदमाशों से मुकाबले में 18 पुलिसकर्मी बलिदान हुए और 1947 घायल। मेरठ के बाद दूसरे नंबर पर 27 बदमाश वाराणसी जोन में तथा 21 अपराधी आगरा जोन में मारे गए हैं। |
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