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कफ सिरप से गई 11 बच्चों की जान, MP में Coldrif पर बैन; जांच में अब तक क्या-क्या मिला?

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发表于 2025-10-28 08:32:52 | 显示全部楼层 |阅读模式
  कफ सिरप में पाया गया जहरीला केमिकल। (प्रतीकात्मक तस्वीर)





डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के छिंदनवाड़ा में कफ सिरप के पीने से कई बच्चों की किडनी फेल हो गई और उन सभी की मौत हो गई। शनिवार को भी दो बच्चों की मौत के बाद इस कफ सिरप से मरने वाले नौनिहालों की संख्या 11 पहुंच गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इस घटना के बाद राज्य सरकार एक्शन में आई है। पीड़ितों द्वारा ली गई कफ सीरप की जांच लैब में की गई, जिसमें पाया गया कि इस सिरप में एक जहरीला केमिकल है। इस जानकारी के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश में इस कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।


रिपोर्ट में सामने आई ये बात

बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार को तमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग से शनिवार को एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया कि जांच में जो सैंपल भेजा गया था, वह मिलावटी था। इस सिरप में 48.6 प्रतिशत डाइएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया है। बताया जाता है कि एंटी-फ्रीज और ब्रेक फ्लूइड्स में इस्तेमाल होने वाला डीईजी, निगलने पर किडनी फेल होने से मौत होने का खतरा बना रहता है।


सिरप बनाने वाली कंपनी पर कार्रवाई के निर्देश

मध्य प्रदेश सरकार ने तमिलनाडु में श्रीशन फर्मास्युटिकल द्वारा बनाई जाने वाली कोल्ड्रिफ पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने सभी औषधि निरीक्षकों को मौजूदा स्टॉक जब्त करने, आगे की बिक्री रोकने और परीक्षण के लिए जांच के निर्देश दिए हैं।
सीएम मोहन यादव ने क्या कहा?

वहीं, मामले में मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव एक्शन में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप से हुई बच्चों की मौत दुखद है। वहीं, शनिवार को सीएम यादव ने प्रत्येक मृतक बच्चों के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। वहीं, राज्य सरकार ने कहा कि बीमार बच्चों के इलाज का खर्च सरकार निर्वहन करेगी।


कई राज्यों में कफ सिरप की जांच शुरू

मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से हुई मौतों ने पूरे देश में चिंता बढ़ा दी है। कई राज्यों ने कप सिरप के जांच की घोषणा की है। इसके अलावा एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि अभी तक केंद्रीय औषधि मान नियंत्रण संगठन ने छह राज्यों में दवा निर्माण इकाइयों का जोखिम आधारित निरीक्षण शुरू किया है।



राज्य सरकार द्वारा ये निरीक्षण कफ सिरप, फीवर की दवा, एंटीबायोटिक बनाने वाली कंपनियों पर केंद्रित है। जिसके नमूने औषधि नियामक अधिकारियों ने उन क्षेत्रों से एकत्र किए, जहां से मौतें हुई हैं।
एमपी के छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से सबसे अधिक मौतें

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में अगस्त के अंत में सबसे पहले मौत के मामले सामने आए। इसमें से अधिकांश मामले किडनी फेल होने के कारण हुई मौत के थे। बच्चों को शुरुआत में सर्दी और हल्का बुखार के लक्षण दिखाई दिए और उन्हें कफ सिरप और नियमित दवाओं के साथ एक नियमित इलाज दिया गया। बाद में उनकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद किडनी फेल होने से उनकी मौत हो गई।



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