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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (फोटो जागरण)
अनिल कुमार, पटना सिटी। देश की आजादी के बाद बिहार में हुए 17 विधानसभा चुनावों में पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सात बार, कांग्रेस ने छह बार, जनसंघ ने तीन बार और जनता दल ने एक बार जीत हासिल की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भाजपा के नेता और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने इस क्षेत्र में सबसे अधिक सात बार विधायक बनने का रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले जनसंघ के रामदेव महतो तीन बार, कांग्रेस की जोहरा कलीम और शरद कुमार जैन दो-दो बार विधायक रह चुके हैं।
इस बार पटना साहिब के विधायक का चुनाव भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के बीच होगा, जिसका निर्णय 14 नवंबर को मतगणना के परिणामों के बाद होगा। एनडीए और महागठबंधन के मौजूदा प्रत्याशी 20-20 हजार वोट से जीत का दावा कर रहे हैं।
आजादी के बाद, 1952 में कांग्रेस के उम्मीदवार मेहंदी नवाब ने पहली बार जीत हासिल की। इसके बाद, 1957 और 1962 में जोहरा कलीम ने लगातार दो बार विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया।
1967 और 1969 में जनसंघ के रामदेव महतो ने लगातार दो बार जीत दर्ज की। 1972 में कांग्रेस के जमील अहमद विधायक बने, जबकि 1977 में रामदेव महतो ने तीसरी बार जीत हासिल की। 1980 और 1985 में कांग्रेस के शरद कुमार जैन ने लगातार दो बार विधायक बनने का रिकॉर्ड बनाया। 1990 में जनता दल के महताब लाल सिंह यादव ने जीत दर्ज की।
इसके बाद, 1995, 2000, 2005 (फरवरी और नवंबर दोनों चुनाव), 2010, 2015 और 2020 में भाजपा के नंदकिशोर यादव ने लगातार सात बार चुनाव जीते। उन्होंने बिहार सरकार में पथ निर्माण, पर्यटन और स्वास्थ्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया।
इस बार पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र में एनडीए की ओर से भाजपा के रत्नेश कुशवाहा और महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के शशांत शेखर के बीच सीधी टक्कर है। दोनों उम्मीदवार 20-20 हजार वोट से जीत का दावा कर रहे हैं। मौजूदा चुनाव में कुल दस उम्मीदवार मैदान में हैं। अब देखना है कि पटना साहिब क्षेत्र का विधायक कौन बनेगा, भाजपा या कांग्रेस का प्रत्याशी। |
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