找回密码
 立即注册
搜索
查看: 929|回复: 0

पीड़ित को कानूनी सहायता देना केवल परोपकार नहीं, बल्कि हमारा नैतिक दायित्व- CJI गवई

[复制链接]

8万

主题

-651

回帖

25万

积分

论坛元老

积分
252609
发表于 2025-11-26 22:59:15 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

चीफ जस्टिस बीआर गवई। (पीटीआई)



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पीड़ित को कानूनी सहायता देना केवल परोपकार नहीं है बल्कि हमारा नैतिक दायित्व भी है। इस प्रक्रिया में जो लोग भी शामिल हैं उनका उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को कानून व्यवस्था का लाभ दिलाने का होना चाहिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यह बात देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) बीआर गवई ने रविवार को लीगल सर्विसेज डे पर आयोजित कार्यक्रम में कही।

चीफ जस्टिस गवई ने कहा, जो भी अधिकारी, प्रशासनिक तंत्र और स्वयंसेवक कानूनी सहायता देने के कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं वे अपने कार्य को नैतिक दायित्व मानते हुए अंजाम दें। यह कानून पर आधारित शासन व्यवस्था के लिए आवश्यक है।
जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा- सीजेआइ

उन्होंने कहा, विचार कीजिए, न्यायपालिका के प्रशासक सरकारी खजाने के प्रत्येक रुपये के खर्च के लिए योजना बनाएं, परियोजना के कार्य में सहयोग दें और उस रुपये का देश को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने का कार्य करें तो कितना अच्छा होगा। इससे जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा और उनका जीवन स्तर ऊंचा उठेगा।

जबकि स्टैंडिंग इंटरनेशनल फोरम ऑफ कामर्शियल कोर्ट की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के नामित प्रधान न्यायाधीश सूर्य कांत ने कहा, न्यायपालिका अपनी कार्यप्रणाली में एआइ (आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस) आधारित तौर-तरीकों को समाहित कर रही है लेकिन यह मानवीय कौशल और बुद्धिमत्ता का स्थान नहीं ले सकता है। इसे हम सभी को हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
भविष्य की न्याय व्यवस्था में तकनीक की बड़ी भूमिका होगी- जस्टिस सूर्य कांत

जस्टिस सूर्य कांत ने कहा, भविष्य की न्याय व्यवस्था में तकनीक की बड़ी भूमिका होगी लेकिन हमारी जिम्मेदारी मानवता और नैतिकता की कसौटी पर कसते हुए न्याय करने की होगी।

एआइ काम की गति बढ़ाएगा, हमारी पहुंच में बढ़ोतरी करेगा और बड़ी संख्या में हुई घटनाओं का विश्लेषण करके ठोस जानकारी देने का काम करेगा लेकिन इन सबकी सहायता से गुणवत्ता वाला निर्णय की जिम्मेदारी न्यायपालिका की होगी।
न्याय आंकड़ों का खेल नहीं है बल्कि वह भावनाओं से जुड़ा मसला- जस्टिस सूर्य कांत

न्याय आंकड़ों का खेल नहीं है बल्कि वह भावनाओं से जुड़ा मसला है जिसमें पीड़ित को न्याय मिला हुआ लगे और जनसामान्य को न्याय हुआ प्रतीत हो, साथ ही दोषी को भी दंड का एहसास हो।

(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

相关帖子

您需要登录后才可以回帖 登录 | 立即注册

本版积分规则

Archiver|手机版|小黑屋|usdt交易

GMT+8, 2025-11-26 22:35 , Processed in 0.120551 second(s), 24 queries .

Powered by usdt cosino! X3.5

© 2001-2025 Bitcoin Casino

快速回复 返回顶部 返回列表