|
|
\“केके पार्क\“ में छापे के बाद ये भारतीय भागकर थाईलैंड के सीमावर्ती शहर माई सोत पहुंचे थे (फोटो: @IndiainThailand)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। थाईलैंड से वापस लाए गए भारतीयों से जांच एजेंसियों ने पूछताछ की है। भारतीय जांच एजेंसियों ने यह पता लगाने के लिए भारतीयों से पूछताछ की कि क्या वे म्यावाड्डी में केके पार्क से संचालित ठगी में शामिल थे। पिछले महीने म्यांमार के म्यावाडी शहर में साइबर अपराधियों के ठिकाने \“केके पार्क\“ में छापे के बाद ये भारतीय भागकर थाईलैंड के सीमावर्ती शहर माई सोत पहुंचे थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इनमें से कुछ भारतीयों को साइबर अपराधियों ने चंगुल में फंसाया था, वहीं कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं जो इनके संचालन में शामिल थे। 26 महिलाओं सहित 270 भारतीयों को गुरुवार को वायुसेना के दो विमानों से थाईलैंड से वापस लाया गया था। सूत्रों ने रविवार को बताया कि म्यांमार से अवैध रूप से थाईलैंड में प्रवेश करने पर थाई अधिकारियों ने इन भारतीयों पर जुर्माना लगाया था।
कई देशों के पासपोर्ट भी जब्त
थाईलैंड के आव्रजन अधिकारियों ने कई भारतीयों से इलेक्ट्रानिक गैजेट, मोबाइल फोन और कई देशों के पासपोर्ट भी जब्त किए हैं। सूत्रों ने बताया कि भारतीयों ने वायुसेना विमानों में चढ़ने से पहले इन वस्तुओं को छिपाने की कोशिश की थी, लेकिन आव्रजन अधिकारियों ने गहन जांच के बाद उन्हें बरामद कर लिया।
सूत्रों ने बताया कि भारत माई सोत से लगभग 200 और भारतीयों को वापस लाने वाला है। भारत लौटने के बाद जांच एजेंसियां इन नागरिकों से भी पूछताछ करेंगी। 23 से 30 अक्टूबर के बीच लगभग 465 भारतीय थाई सीमावर्ती शहर में घुसे थे। भारत के थाईलैंड और म्यांमार में स्थित दूतावास दोनों सरकारों के साथ मिलकर उन भारतीयों की वापसी सुनिश्चित करने में जुटे हैं जो अब भी म्यांमार में हैं।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार के इन ठगी केंद्रों में सैकड़ों लोगों को जबरन रखा जाता है और धोखाधड़ी कराई जाती है। ऐसे ही ठगी केंद्र कंबोडिया, लाओस, फिलीपींस और मलेशिया में भी संचालित होते हैं।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ) |
|