找回密码
 立即注册
搜索
查看: 751|回复: 0

पीएम 2.5 का बढ़ता स्तर दे रहा जोड़ और रीढ़ का दर्द, खराब लाइफस्टाइल भी है बड़ी वजह

[复制链接]

8万

主题

-651

回帖

24万

积分

论坛元老

积分
247136
发表于 2025-10-28 21:58:53 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

क्या प्रदूषण भी बढ़ा रहा है आर्थराइटिस का खतरा? (Picture Courtesy: Freepik)



मुहम्मद रईस, नई दिल्ली। जोड़ों के रोग अब केवल बुढ़ापे की समस्या नहीं रह गए हैं। गठिया (अर्थराइटिस) और इससे जुड़ी अन्य तकलीफें तेजी से मध्यम आयु वर्ग के लोगों को भी अपनी चपेट में ले रही हैं। एम्स के एक अध्ययन के अनुसार प्रदूषण का बढ़ता स्तर भी इसकी प्रमुख वजह है। जब वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता है तब रिम्यूटाइड आर्थराइटिस का दर्द भी अधिक होता है। प्रदूषित हवा में लंबे समय तक रहने से आटोइम्यून कम होने लगता है यानी शरीर का प्रतिरोधक तंत्र कमजोर होने लगता है। ऐसी स्थिति में शरीर के कोशिकाएं स्वयं को डैमेज करने लगती हैं। इसलिए प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर अधिक दर्द होता है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

हवा में प्रदूषण की मात्रा को लेकर सीपीसीबी की रिपोर्ट के साथ-साथ एम्स ने 300 मरीजों पर 10 वर्ष तक अध्ययन किया। प्रदूषण का डाटा लिया और सभी मरीजों के ब्लड सैंपल की जांच की। मरीज को अधिक पेन होने के दिन और समय तक को भी दर्ज किया गया । प्रदूषण स्तर और दर्द की टाइमिंग मैच कराने पर स्पष्ट हुआ कि एयर पार्टिकल्स भी दर्द का कारण बन जाता है।

अध्ययन में पाया गया कि हवा में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का लेवल 2.5 माइक्रोमीटर से ज्यादा होने पर मरीजों का दर्द बढ़ता है। इससे पहले अमेरिका में भी एक स्टडी हुई थी जिसमें यह कहा गया था कि मेन रोड के पास रहने वालों में आम लोगों की तुलना में आर्थराइटिस होने की संभावना अधिक होती है। मॉडल टाउन स्थित यथार्थ सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल के आर्थोपेडिक्स और ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट विभाग के ग्रुप चेयरमैन डॉ. पलाश गुप्ता बताते हैं कि रोजमर्रा के तनाव, अनियमित खानपान, नींद की कमी और शरीर को पर्याप्त विश्राम न देना भी इन बीमारियों को बढ़ा रहे हैं।  

  

(Picture Courtesy: Freepik)

लोग दिनभर दफ्तर या ट्रैफिक में बैठे रहते हैं और फिर अचानक स्वास्थ्य जागरूकता के जोश में कुछ हफ्तों तक जिम या रनिंग शुरू कर देते हैं, पर कुछ महीनों में सब छोड़ देते हैं । यह असंतुलित पैटर्न शरीर और जोड़ों पर उल्टा असर डाल रहा है। ओपीडी में आने वाले करीब 25 प्रतिशत मरीज ऐसे नए और युवा हैं जो पहली बार जोड़ों की समस्या लेकर आते हैं। इनमें घुटनों, कूल्हों और रीढ़ से जुड़ी शिकायतें सबसे आम हैं।
आर्थराइटिस के सामान्य लक्षण

  • हल्का बुखार
  • भूख न लगना
  • अधिक थकावट महसूस होना
  • तेजी से वजन कम होना
  • जोड़ों में दर्द, सूजन व अकड़न  

इस तरह किया जा सकता है बचाव

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें।  
  • नियमित व्यायाम करें।  
  • संतुलित आहार लें।
  • जोड़ों पर दबाव कम डालें ।  
  • धूमपान की आदत छोड़ें।
  • तनाव प्रबंधन के लिए योग व ध्यान का सहारा लें।
  • जोड़ों में दर्द, सूजन या अकड़न महसूस होने पर चिकित्सीय परामर्श लें।  
  • चिकित्सक की सलाह के बिना सप्लीमेंट्स या व्यायाम शुरू न करें।  
  • बहुट टाइट या नुकीले जूते न पहनें।

हड्डियां और जोड़ होते जा रहे कमजोर

आर्थराइटिस के सामान्य लक्षण एक ओर वरिष्ठ नागरिक हैं जो बढ़ती उम्र के बावजूद सक्रिय रहना चाहते हैं, वहीं 40 से 60 वर्ष के बीच के मध्यम आयु वर्ग के लोगों में भी जोड़ों व रीढ़ से जुड़ी तकलीफें तेजी से उभर रही हैं। डॉ. पलाश गुप्ता के मुताबिक आर्थराइटिस बढ़ने की वजह केवल उम्र या आनुवांशिक नहीं, बल्कि पर्यावरणीय और जीवनशैली से जुड़ी हैं।  

हम खाना हम खाते हैं, वह अक्सर प्रोसेस्ड और मिलावटी होता है। पोषक तत्वों की कमी और व्यायाम की अनदेखी हड्डियों और जोड़ों को कमजोर बना रही है। गलत जूते पहनना, खासकर नुकीले या टाइट फुटवियर भी पैर के जोड़ों पर असर डालते हैं। युवा मरीजों में मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग के कारण अंगूठे और अंगुलियों के जोड़ों की शिकायतें भी बढ़ रही हैं। हालांकि कुछ प्रकार के आर्थराइटिस को जीवनशैली में सुधार करके रोका जा सकता है या उसे टाला जा सकता है।

यह भी पढ़ें- जोड़ों के दर्द को कहें अलविदा! अर्थराइटिस के मरीजों के लिए वरदान हैं ये 5 योगासन

यह भी पढ़ें- युवाओं को भी चपेट में ले रहा है Rheumatoid Arthritis, स्मोकिंग है सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर
您需要登录后才可以回帖 登录 | 立即注册

本版积分规则

Archiver|手机版|小黑屋|usdt交易

GMT+8, 2025-11-24 06:45 , Processed in 0.341724 second(s), 22 queries .

Powered by usdt cosino! X3.5

© 2001-2025 Bitcoin Casino

快速回复 返回顶部 返回列表