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लालू और तेजस्वी को लगा झटका
जागरण संवाददाता, छपरा। बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट की टिकटिक खत्म होते ही सारण की सियासत में नया भूचाल आ गया है। यह भूचाल सोमवार की संध्या परसा के सीटिंग राजद विधायक छोटेलाल पार्टी से इस्तीफा देकर लाया है। उन्होंने आनन-फानन में न केवल राजद से इस्तीफा दिया है, बल्कि जदयू की सदस्यता भी ग्रहण कर लिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विधायक छोटेलाल राय का यह कदम इसलिए अहम माना जा रहा कि उन्होंने एक बार फिर वहीं वापसी की है, जहां से उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ था। वे पहली बार 2005 के फरवरी की चुनाव में जदयू की सिम्बल पर परसा सीट से विधायक बने थे।
इसके बाद अक्टूबर 2005 और 2010 के भी चुनाव में लगातार तीसरी बार जदयू के विधायक चुने गए। 2015 के चुनाव आते-आते उन्होंने जदयू छोड़ दी और इस चुनाव में वे लोजपा के टिकट पर मैदान में उतरे, मगर राजद उम्मीदवार चंद्रिका राय से हार गये।
इस चुनाव के बाद तत्कालीन विधायक चंद्रिका राय राजद छोड़ जदयू में चले गए और छोटेलाल राय ने राजद का दामन थाम लिया। राजद ने 2020 के चुनाव में छोटेलाल राय को परसा से अपना प्रत्याशी बनाया और वे जदयू उम्मीदवार चंद्रिका राय को परास्त कर चौथी बार विधानसभा में पहुंचे।
छोटेलाल राय वह नेता हैं जिन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय के पारिवारिक गढ़ मानेजाने वाले परसा की सियासत में दरार डाली थी। अब एकबार फिर उन्होंने पार्टी बदलकर सारण की सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।
जदयू नेता का भी इस्तीफा पर मंजूर नहीं
पूर्व विधायक धूमल सिंह ने भी सोमवार को जदयू से इस्तीफा दिया। वे अपना इस्तीफा लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है।
सारण के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह तो अभी बस शुरूआत है - ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है। टिकट बंटवारे से नाराज विभिन्न दलों के कई दावेदार बगावत की राह पर हैं, जिससे आने वाले दिनों में जिले की सियासत में और भी बड़ी उठापटक देखने को मिल सकती है। |
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