|
|
Toran vastu tips in hindi (Picture Credit: Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कई खास मौको पर घर में तोरण या बंदनवार लगाया जाता है, विशेषकर त्योहारों पर। ये केवल सजावट का ही काम नहीं करती, बल्कि वास्तु की दृष्टि से भी तोरण लाना काफी लाभदायक माना गया है। आज हम आपको घर में तोरण लगाने के कुछ फायदे बताने जा रहे हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कि अगर तोरण सूख जाए, तो आपको इसका क्या करना चाहिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मिलते हैं ये फायदे
घर में तोरण या बंदनवार लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता। इसके साथ ही आपको तोरण लगाने से वास्तु दोष से भी राहत मिल सकती है। इससे घर में सुख-शांति का माहौल बना रहता है और घर के सदस्यों को अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
(Picture Credit: Freepik)
अपनाएं ये टिप्स
तोरण बनाने के लिए आम के पत्तों का इस्तेमाल करना शुभ माना गया है। इसके साथ ही आप अशोक की पत्तियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही तोरण बनाने में गेंदे का फूलों का भी इस्तेमाल किया जाता है। वास्तु शास्त्र में माना गया है कि तोरण बनाने के लिए आपको 5, 7, 11 या फिर 21 पत्तों का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके साथ ही आम के पत्तों पर पीले या लाल चंदन से “शुभ लाभ” जरूर लिखें। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है।
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
तोरण सूखने के बाद क्या करें?
कई लोग बहुत दिनों तक तोरण को लगाए रखते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र में माना गया है कि जब तोरण की पत्तियां सूख जाएं, तो इसे उतार लेना चाहिए। इसके बाद शुभ मौकों या त्योहार पर फिर से नया तोरण लगाना चाहिए। तोरण के सूख जाने के बाद उसे फेंकने की गलती बिल्कुल नहीं करनी चाहिए, अन्यथा आपको नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
तोरण के सूख जाने के बाद इसे उतारकर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर सकते हैं। अगर आपके आसपास कोई नदी नहीं है, तो ऐसे में आप इसे मिट्टी में भी दबा सकते हैं। इससे भी आप दोष से बचे रहते हैं।
यह भी पढ़ें- Vastu Tips: वास्तु दोष का कर रहे हैं सामना, तो घर के मुख्य पर रखी ये चीजें हो सकती हैं वजह
यह भी पढ़ें- Vastu Tips: सुबह उठकर रोजाना करेंगे ये काम, तो खुशियों से भरा रहेगा आपका दिन
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।\“ |
|