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Bijnor News : कुछ ऐसा हुआ कि यूकेलिप्टिस पर 30 फुट ऊपर जा बैठा 40 किलो का अजगर...और काटना पड़ गया पेड़

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发表于 2025-10-28 18:28:14 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

नहटौर में सर्पमित्रों द्वारा पकड़ा गया अजगर। सौ. वन विभाग



जागरण संवाददाता, बिजनौर। मनुष्य वन्य जीवों से और वन्य जीव मनुष्यों से डरते हैं। धान काटने खेत में गईं महिलाएं रविवार को खेत की मेड़ पर बैठे विशाल अजगर को देखकर डर गईं। उधर, अजगर भी यूकेलिप्टिस के पेड़ पर 30 फीट ऊपर जा बैठा। अजगर को पकड़ने के लिए पेड़ को काटना पड़ा। अजगर बर्मिस पायथन प्रजाति का है, जो संकटग्रस्त है। उसे पकड़कर खादर क्षेत्र में छोड़ दिया गया।
रविवार को नहटौर क्षेत्र के गांव दबथला में कुछ महिलाएं खेत में धान काटने गईं थीं। वहां उन्होंने बड़े आकार का अजगर बैठा देखा। अजगर को देखकर महिलाएं डर गईं। उधर, महिलाओं को देख अजगर भी धीरे-धीरे रेंगता रहा व यूकेलिप्टिस के पेड़ पर जा चढ़ा। वहां सर्पमित्र भरत भास्कर को बुलाया गया। इतने ऊंचे पेड़ से अजगर को उतारना संभव न था। ऐसे में पेड़ को काटा गया तो अजगर भी पेड़ के साथ नीचे आ गिरा। अजगर को पकड़कर खादर क्षेत्र में छोड़ा गया। वह बर्मिस पायथन प्रजाति का है। अजगर की लंबाई लगभग 13 फीट और वजन 40 किलोग्राम था। अजगर खेतों में सुअर व नीलगाय के बच्चों, कुत्तों, खरगोश आदि का शिकार करते हैं। ये लंबे समय तक शिकार के इंतजार में एक स्थान पर घात लगाकर बैठे रह सकते हैं।
नहीं होते कान, कंपन से करते हैं अनुभव
अजगर को सुनाई नहीं देता। उसके कान नहीं होते हैं। वह अपने संवेदनशील अंगों से कंपन व शरीर की गर्मी को महसूस करते हैं। अपने आसपास अधिक भगदड़ मचने पर सतर्क हो जाते हैं और बिल में चले जाते हैं। अजगर एक बार शिकार कर कई दिन तक बिना खाए काम चला लेते हैं।
सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया गया अजगर
जिले में सांपों को पकड़ने का काम लगातार किया जा रहा है। रविवार को धामपुर क्षेत्र में एक बड़ा अजगर पकड़ा गया है। उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया गया है।-ज्ञान सिंह, सहायक वन संरक्षक विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
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