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विज्ञानियों का बड़ा दावा, दिल की धड़कनों का नहीं होता कोई कोटा (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फिटनेस की दुनिया में अक्सर इन बातों पर जोर होता है कि दिन में कितने घंटे कसरत करनी चाहिए या एक दिन में कितने कदम चलने चाहिए। स्मार्ट वाच में कदमों की संख्या और कैलोरी खर्च के साथ-साथ हृदय गति का भी डाटा मिलता है, लेकिन हम कभी इस पर विचार नहीं करते। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ब्रिटेन के विज्ञानियों ने इस पर शोध किया कि धड़कनों के बढ़ने-घटने से हमारे जीवन प्रत्याशा पर क्या असर होता है। माना जाता है कि एक इंसान का दिल पूरे जीवनकाल में ढाई अरब बार धड़कता है। सवाल उठता है कि जो लोग व्यायाम करते हैं या खेलकूद में शामिल होते हैं, उनका हृदय ज्यादा तेजी से धड़कता है, तो क्या उनके जीवन में ढाई अरब धड़कनों का कोटा जल्दी पूरा हो जाता है।
वैज्ञानिकों ने जवाब खोजने का किया प्रयास
विज्ञानियों ने इसका जवाब खोजने का प्रयास किया। बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के टाम ब्राउनली ने बताया कि शोध पत्रिका जेएसीसी: एडवांसेज, में प्रकाशित नए शोध में इन सवालों का जवाब देने का प्रयास किया गया है। अध्ययन में शामिल वैज्ञानिकों ने शीर्ष एथलीटों और टूर डी फ्रांस में हिस्सा लेनेवाले साइकल चालकों के फिटनेस एप डेटा का विश्लेषण किया और उनके आराम के दौरान हृदय गति (रेस्टिंग हार्टबीट) की तुलना कुल दैनिक धड़कनों से की।
उन्होंने पाया कि सामान्य लोगों की तुलना में प्रशिक्षित एथलीट लोवर रेस्टिंग रेट्स के चलते 11,500 धड़कनें बचा लेते हैं। यानी आराम के दौरान उनका हृदय इतनी कम गति से धड़कता है कि वे अपनी ट्रेनिंग या प्रतियोगिता के दौरान खर्च हृदय गति से उसे समायोजित कर लेते हैं।
व्यायाम से क्या मिलता है फायदा?
विज्ञानियों ने अलग-अलग अवसरों पर साबित भी किया है कि व्यायाम आपके दिल की धड़कन तेज करके आपकी उम्र कम नहीं करता। असल में, व्यायाम करने वालों की आराम की अवस्था में हृदय गति कम होती है और वे ज्यादा जीते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि फ्रांस में होनेवाली साइकल रेस- टूर डी फ्रांस- में हिस्सा लेनेवाले साइकल चालकों का हृदय 35,000 बार ज्यादा धड़का।
शोधकर्ताओं ने किया आगाह शोधकर्ताओं ने स्पष्ट किया है कि इस अध्ययन को सेहत की कसौटी पर नहीं कसा गया है। इसमें केवल हृदय गति के पैटर्न का अध्ययन किया गया है। पूरे दिन हृदय गति की ऊंची मात्रा से ये अनुमान लगाया जा सकता है कि व्यक्ति सक्रिय रहता है या यह भी निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि व्यक्ति तनाव, खराब फिटनेस, कैफीन या गर्मी के प्रभाव में रह रहा है। संदर्भ के बगैर आंकड़े बहुत कम बता पाते हैं।
क्या हो सकता है नुकसान?
फिर भी, हृदय गति इस बात का सबसे स्पष्ट संकेत है कि हमारा शरीर जीवन की अपेक्षाओं का सामना कैसे कर रहा है। आराम के पलों में लगातार ऊंची हृदय गति को हृदय रोग, स्ट्रोक और समय से पहले मृत्यु के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है। जेएएसी के शोधकर्ता कहते हैं कि उनका अध्ययन बेहद सीमित है। इसमें रक्तचाप, आक्सीजन स्तर या रिकवरी बायोमार्कर को नहीं मापा गया है।
इन सभी को भी हृदय स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जाता है। इसलिए दीर्घकालीन अध्ययनों की जरूरत है। इस अध्ययन से क्या हासिल होगा पुरानी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए भी इस शोध में निहितार्थ शामिल हैं। कुछ हेल्थ एप पहले से ही हृदय गति सीमा का उपयोग करते हैं ताकि उपयोगकर्ताओं को जरूरत से ज्यादा मेहनत से बचाया जा सके, जिससे उनके हृदय को नुकसान न पहुंचने पाए। इस तरह, धड़कन खपत पर नजर रखकर ये तय किया जा सकता है कि हमें अपनी सक्रियता को कब कम करने की जरूरत है। |
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