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फेस्टिव सीजन सेल में खरीदा सस्ता स्मार्टफोन नकली तो नहीं, कैसे करें पहचान?

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发表于 2025-10-28 18:22:23 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

नकली स्मार्टफोन कैसे पहचानें और बचें?



टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। आकर्षक ऑफर्स देखकर लोग नए स्मार्टफोन खरीदने की तैयारी करते हैं, लेकिन इन सेल्स के बीच नकली या फेक मोबाइल फोन बेचने का खेल भी खूब होता है। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब ग्राहकों को ऑनलाइन प्लेटफार्म से रिफर्बिश्ड, डुप्लीकेट या खराब मोबाइल मिले। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
त्योहारी सेल में नकली फोन का खतरा

आमतौर पर त्योहारों के समय कंपनियां लाखों ऑर्डर एक साथ प्रोसेस करती हैं। कभी-कभी पैकिंग में गड़बड़ी हो जाती है या थर्ड पार्टी सेलर्स नकली सामान भेज देते हैं। सेल के दौरान मिलने वाले नकली मोबाइल फोन देखने में असली जैसे लगते हैं। यहां तक कि बॉक्स, सील और एक्सेसरीज सब कुछ एक जैसा ही होता है, लेकिन फोन के सिस्टम अपडेट, नेटवर्क या कैमरा में समस्या दिखाई देने लगती है। इसलिए आईएमईआई नंबर जरूर जांच कर लें।
संचार साथी पोर्टल

हर मोबाइल फोन का एक 15 अंकों का यूनिक नंबर होता है, जिसे आईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी) कहा जाता है। अगर नए फोन की असलियत जांचनी है, तो sancharsaathi.gov.in वेबसाइट पर जाएं। होमपेज पर सिटिजन सेंट्रिक सर्विसेज सेक्शन में नो योर मोबाइल या आईएमईआई वेरिफिकेशन का विकल्प चुनना होगा। कैप्चा भरें, अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें और ओटीपी वेरिफाई करें। अब 15 अंकों का आईएमईआई नंबर दर्ज करें और सबमिट कर दें। कुछ ही क्षणों में असलियत सामने आ जाएगी। सिस्टम में फोन का ब्रांड, मॉडल, निर्माता आदि जैसी जानकारियां भी दिखाई देंगी।
ऐप और एसएमएस से भी करें जांच

संचार साथी ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। बिना इंटरनेट के भी इसकी जांच की जा सकती है। बस अपने फोन से KYM लिखकर 15 अंकों का आईएमईआई नंबर दर्ज करना होगा और इसे 14422 पर भेजना है। एक और आसान तरीका है कि आप अपने फोन में *#06# डायल करें। इससे आईएमईआई नंबर स्क्रीन पर दिखाई देगा।
परफार्मेस से पहचानें असली या नकली फोन

नकली फोन में आमतौर पर सस्ते एसओसी (सिस्टम ऑन चिप) लगाए जाते हैं, जो न तो बेहतर परफार्मेंस देते हैं और ना ही स्मूथ यूजर एक्सपीरियंस। ऐसे फोन में ऐप्स बार-बार क्रैश होते हैं और फोन गर्म भी जल्दी हो जाता है। फोन खरीदने के बाद ऑपरेटिंग सिस्टम को ध्यान से जांचें। मेन्यू, ऐप्स और सेटिंग्स में जाकर देखें कि सब सही से काम कर रहा है या नहीं। यह सलाह सेकंड हैंड या रिफर्बिश्ड के लिए भी जरूरी है।

  
हार्डवेयर की जांच क्यों जरूरी है?

कई बार नकली फोन कम क्वॉलिटी वाले कैमरे, कमजोर स्पीकर या नकली सेंसर के साथ आते हैं। कुछ में तो एनएफसी या फिंगरप्रिंट सेंसर जैसे फीचर्स सिर्फ नाम के लिए दिखाए जाते हैं, जबकि असल में ये काम ही नहीं करते हैं। लगभग हर स्मार्टफोन कंपनी की वेबसाइट पर उनके माडलों की डिटेल स्पेसिफिकेशन शीट उपलब्ध होती है। उसे अपने फोन में दिख रही जानकारी से मिलाएं। अगर कुछ भी गड़बड़ दिखे, तो फोन असली नहीं है।
फीचर को ट्राइ करके देखें

वाई-फाई, ब्लूटूथ, जीपीएस और एनएफसी को ऑन-ऑफ करके देखें कि ये आसानी से कनेक्ट हो रहे हैं या नहीं। सिक्योरिटी सेटिंग्स में देखें कि फिंगरप्रिंट या फेस रिकॉग्निशन हैं या नहीं। कई नकली फोन सिर्फ दिखाने के लिए इनका आईकन रखते हैं, लेकिन असल में ये काम नहीं करते हैं। फोन का फ्रंट और बैक कैमरा टेस्ट करें। देखें कि वे वाइड एंगल, नाइट मोड या जूम जैसे फीचर्स दे रहे हैं या नहीं। नकली कैमरा ऐप का लेआउट और इंटरफेस हमेशा असली से अलग होता है।
सीपीयू-जेड ऐप से चेक करें प्रोसेसर

कई बार नकली फोन में कंपनियां सस्ते चिप लगाकर उन्हें महंगे मॉडल की तरह बेचती हैं, इसलिए प्रोसेसर की जांच जरूर करें। बस गूगल प्ले स्टोर से सीपीयू-जेड (CPU-Z) एप डाउनलोड कर लें। यह ऐप फोन के अंदर लगे मुख्य हार्डवेयर की पूरी जानकारी दिखाता है, जैसे प्रोसेसर, ग्राफिक्स यूनिट, रैम, डिस्प्ले रिजॉल्यूशन। ऐप खोलने के बाद आपको डिवाइस टैब में जाना है, जहां हार्डवेयर सेक्शन में असली प्रोसेसर का नाम दिखाई देगा। अब इस नाम को उस मॉडल के आधिकारिक स्पेसिफिकेशन शीट से मिलाएं। अगर दोनों में अंतर है तो फोन नकली या मॉडिफाइड हो सकता है। सीपीयू-जेड के अलावा, आप एआइडीए 64 (AIDA64) ऐप का उपयोग भी कर सकते हैं।
कैसे रहें सुरक्षित

फेक फोन का नुकसान सिर्फ पैसों तक सीमित नहीं रहता है। नकली फोन में सिक्योरिटी कमजोर होती है, जिससे आपकी निजी जानकारी, बैंक डिटेल्स या फोटो तक चोरी हो सकती है। इस तरह के फोन असली ब्रांड के सर्वर से नहीं जुड़े होते हैं, इसलिए सॉफ्टवेयर अपडेट या सिक्योरिटी पैच भी नहीं मिलते हैं। बैटरी जल्दी गर्म हो जाती है और फटने का खतरा भी रहता है। इसके अलावा, ऐसे फोन की कोई बाजार कीमत नहीं होती है।

हमेशा अधिकृत वेबसाइट या आधिकारिक स्टोर से ही मोबाइल खरीदें। अनजान वेबसाइट या इंटरनेट मीडिया ऑफर से दूरी बनाकर रखने में ही भलाई है। फोन मिलने के तुरंत बाद उसका आईईएमआई नंबर चेक करें और सेलर की रेटिंग या रिव्यू जरूर पढ़ें।

लेखक - संतोष कुमार

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