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Bihar Election 2025: यहां किसी भी दल की नहीं लगी अब तक हैट्रिक, अभी राजद का है कब्जा

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发表于 2025-10-28 18:21:03 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

शेरशाह का मकबरा।



सतीश कुमार, सासाराम (रोहतास)। हिंदुस्तान की हुकूमत पर शासन करने वाले शेरशाह के इस गढ़ सासाराम में समाजवादी विचारधारा के लोगों से लेकर भगवाधारी पार्टियों ने अपना विजय पताका फहराया है, लेकिन अतीत गवाह है कि इस गढ़ में कोई भी राजनीतिक दल की विधानसभा चुनाव में हैट्रिक नहीं लग पाया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इस सीट पर विपिन बिहारी सिंहा ने दो अलग-अलग पार्टियों से यहां से तीन बार विधानसभा चुनाव जीता था, वह भी लगातार नहीं। वे पहली बार 1957 व दूसरी बार 1969 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव जीते थे। तीसरी बार 1977 में जनता पार्टी की टिकट पर यहां से विपिन बिहारी सिंहा चुनाव जीत कर उद्योग मंत्री बने थे।

15 बार हुए विधानसभा चुनाव में अब तक एक बार ही सासाराम विधानसभा क्षेत्र का विधायक मंत्री बन पाया है। इस विधानसभा सीट पर अधिकांश समय समाजवादी विचारधारा से जुड़ी और भगवाधारी पार्टियों का कब्जा रहा है। 1957 से लेकर 2020 तक इस विधानसभा सीट पर 15 बार चुनाव हुए हैं। दो अलग-अलग पार्टियों से तीन बार रामसेवक सिंह भी यहां से विधायक बने हैं।

वे 1972 में किसान मजदूर सभा पार्टी से पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद 1977 के विधानसभा चुनाव में वह हार गए थे। फिर 1980 व 1985 में लोकदल के टिकट से चुनाव जीते थे। समाजवादी विचारधारा से जुड़ी पार्टियों ने यहां छह बार तो भगवाधारियों ने चार बार इस सीट पर अपना विजय पताका फहराया है।

वहीं, राजद ने तीन बार और कांग्रेस ने दो बार यहां से अपनी जीत दर्ज की है। सासाराम विधानसभा की इस सीट पर तिलौथू स्टेट परिवार के सदस्य चार बार जीत कर विधायक बने हैं। 1962 में कांग्रेस पार्टी की टिकट पर देश के प्रतिष्ठित नेत्र चिकित्सक डॉ. दुखन राम भी यहां का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वहीं, 1967 में दूसरी बार कांग्रेस के प्रत्याशी विनोद बिहारी सिंहा यहां से विधायक बने थे।

2025 विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बच चुकी है, लेकिन अभी तक किसी दल ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। वर्तमान में यह सीट राजद के कब्जे में है। इस चुनाव में सामाजिक समीकरण को साधकर कोई पार्टी सीट बचाने और विपक्ष की भूमिका निभा रही दूसरी पार्टी वापसी के लिए अपनी शतरंजी बिसात बिछा रही हैं। अब समय ही तय करेगा कि मैदान में कौन-कौन आता है और बाजी कौन जीतेगा।
कब कौन जीते?

    वर्ष प्रत्याशी पार्टी
   
   
   1957
   विपिन बिहारी सिंहा
   प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
   
   
   1962
   डॉ. दुखन राम
   कांग्रेस
   
   
   1967
   विनोद बिहारी सिंहा
   कांग्रेस
   
   
   1969
   विपिन बिहारी सिंहा
   प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
   
   
   1972
   रामसेवक सिंह
   किसान मजदूर सभा पार्टी
   
   
   1977
   विपिन बिहारी सिंहा
   जनता पार्टी
   
   
   1980
   रामसेवक सिंह
   लोकदल
   
   
   1985
   रामसेवक सिंह
   लोकदल
   
   
   1990
   जवाहर प्रसाद
   भाजपा
   
   
   1995
   जवाहर प्रसाद
   भाजपा
   
   
   2000
   अशोक कुमार
   राजद
   
   
   2005
   जवाहर प्रसाद
   भाजपा
   
   
   2010
   जवाहर प्रसाद
   भाजपा
   
   
   2015
   अशोक कुमार
   राजद
   
   
   2020
   राजेश कुमार गुप्ता
   राजद
  
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