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ब्रिटेन सरकार ने सख्त की इमिग्रेशन पॉलिसी। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के बाद ब्रिटेन सरकार भी आव्रजन पर सख्त नियम लागू करने जा रहा है। बुधवार को एक सरकारी आदेश के मुताबिक ब्रिटेन अब उन सभी प्रवासियों को देश में बसने और परिवार के साथ रहने का अधिकार नहीं देगा, जिन्हें देश में शरण दी गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लेबर सरकार, पॉपुलिस्ट रिफॉर्म यूके पार्टी के समर्थन को रोकने के लिए अपनी आव्रजन नीतियों में बदलाव कर रही है। सरकार विशेष रूप से छोटी नावों से फ्रांस की ओर से अवैध रूप से आने वाले प्रवासियों की संख्या को कम करने पर जोर दे रही है।
वर्तमान नियम के मुताबिक शरणार्थी का दर्जा प्राप्त करने वाले प्रवासी पांच सालों के बाद स्थायी निवास के लिए एलिजिबल हो सकते हैं। वहीं नए प्रस्ताव के तहत स्थायी निवास की कोई गारंटी नहीं होगी, इसके लिए एक लंबी प्रकिया को मंजूरी दी गई जिसमे व्यक्ति को देश के लिए विशेष योगदान देना भी शामिल होगा।
अवैध प्रवासियों पर लगेगा अंकुश
सरकार ने एक बयान में कहा, “इस बदलावों से अवैध रूप से आने वाले घुसपैठियों पर कई हद तक अंकुश लगेगा, जो छोटी नावों से चैनल पार कर ब्रिटेन में आते हैं। \“\“ यह योजना सोमवार को गृह मंत्री शबाना महमूद द्वारा सभी प्रवासियों के लिए \“निर्धारित कठोर निपटान नियमों\“ पर आधारित है।
ब्रिटिश नागरिक बनने के लिए सख्त हुआ नियम
नए प्रस्ताव के तहत आवेदन करने वालों के लिए, सामाजिक सुरक्षा योगदान देना, उनका आपराधिक रिकॉर्ड साफ होना, अंग्रेजी बोलना और अपने समुदायों में स्वयंसेवा करना शामिल था। सरकार ने यह भी कहा है कि वह स्थायी निवास के लिए योग्यता अवधि को दोगुना करके 10 साल कर देगी।
शरणार्थियों को अपने परिवारों को ब्रिटेन लाने का नहीं मिलेगा अधिकार
बुधवार की घोषणा में यह भी कहा गया कि शरणार्थियों को अपने परिवारों को ब्रिटेन लाने का अधिकार भी नहीं मिलेगा। सरकार ने सितंबर में ऐसे पारिवारिक पुनर्मिलन आवेदनों को रद्द कर दिया है।
सरकार ने कहा कि शरणार्थियों को उनके मूल देशों में वापस नहीं भेजा जाएगा और उन्हें “मूल सुरक्षा“ का अधिकार होगा। हालांकि, सरकार ने यह नहीं बताया कि इन शर्तों को पूरा करने वाले शरणार्थियों को निवास के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए कितने समय तक इंतज़ार करना होगा? सरकार ने कहा कि परिवर्तनों के बारे में आगे का विवरण इस साल के अंत में दिया जाएगा। |
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