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Chitragupta Puja 2025: अक्टूबर में कब की जाएगी चित्रगुप्त पूजा, यहां जानें पूजा विधि और मुहूर्त

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发表于 2025-10-28 18:12:51 | 显示全部楼层 |阅读模式
  Chitragupta Puja 2025 चित्रगुप्त पूजा कैसे करें?





धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चित्रगुप्त, मृत्यु के देवता, यमराज जी के सहायक के रूप में जाने जाते हैं, जो समस्त प्राणियों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। ऐसे में पांच दिवसीय दीपोत्सव के दौरान ही चित्रगुप्त पूजा भी की जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान चित्रगुप्त कलम-दवात की सहायता से समस्त जीवों के कर्मों का विवरण लिखते हैं। इसलिए इस दिन को मस्याधार पूजा भी कहा जाता है, क्योंकि कलम और दवात को मस्याधार कहते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें




चित्रगुप्त पूजा मुहूर्त

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर को रात 8 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन 23 अक्टूबर को रात 10 बजकर 46 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में चित्रगुप्त पूजा गुरुवार 23 अक्टूबर को की जाएगी। इस दिन पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है-  

चित्रगुप्त पूजा अपराह्न मुहूर्त - दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से दोपहर 3 बजकर 28 मिनट तक



  

(Picture Credit: Freepik)
चित्रगुप्त पूजा का महत्व

पांच दिवसीय दीपोत्सव में भाई दूज के दिन चित्रगुप्त पूजा भी की जाती है। इस दिन को भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति के रूप में मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान चित्रगुप्त कलम-दवात की सहायता से समस्त जीवों के कर्मों का विवरण लिखते हैं, इसलिए चित्रगुप्त पूजा के दिन कलम-दवात और बही-खातों की पूजा-अर्चना की जाती है।



इस दिन इस दिन लोग आत्मचिंतन और कर्मों की समीक्षा भी करते हैं और ईमानदारी के पथ पर चलने का प्रण लेते हैं। माना जाता है कि इस पूजा से साधक को विद्या, बुद्धि, साहस और लेखन के क्षेत्र में सफलता मिल सकती है।

  

(Picture Credit: Freepik)
चित्रगुप्त जी की पूजा विधि

चित्रगुप्त पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद पूजा स्थल की साफ-सफाई करें। अब वेदी पर चित्रगुप्त की मूर्ति या फिर तस्वीर  स्थापित करें। चित्रगुप्त जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और उन्हें पंचामृत अर्पित करें। इसके साथ ही चित्रगुप्त जी को हल्दी, चंदन, फूल, फल और मिठाई आदि अर्पित करें। इसके बाद चित्रगुप्त कथा का पाठ करें और आरती करें। अंत में सभी लोगों में प्रसाद बांटें।


जरूर करें ये काम

चित्रगुप्त जी की पूजा में कलम, डायरी या खाली कागज जरूर लेकर बैठें। पूजा के दौरान खाली पन्ने पर रोली और घी से स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद  “श्री गणेशाय नमः“ और “ॐ चित्रगुप्ताय नमः“ लिखें। इसके बाद इस कागज पर सभी देवी-देवताओं का नाम लिखें। इससे साधक को चित्रगुप्त जी की कृपा मिलती है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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