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Dussehra 2025: क्या है दशहरे का नीलकंठ से कनेक्शन, यूं ही नहीं शुभ होता इसका दिखना

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发表于 2025-10-28 18:12:39 | 显示全部楼层 |阅读模式
  Dussehra 2025: दशहरे पर नीलकंठ दर्शन का महत्व।





धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आज यानी गुरुवार, 2 अक्टूबर को दशहरा मनाया जा रहा है। हर साल दशहरे के पर्व को भगवान श्रीराम की रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। सदियों से यह मान्यता चली आ रही है कि दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना बहुत ही शुभ होता है, लेकिन क्या आप इसके पीछे का कारण जानते हैं। अगर नहीं तो चलिए जानते हैं इसके बारे में। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्यों खास है नीलकंठ का दिखना

हर साल दशहरे का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। यह वह दिन है, जब भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी। दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी (Neelkanth on Dussehra) को देखने का बहुत ही खास महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रावण विजय से पहले भगवान राम को भी नीलकंठ के ही दर्शन हुए थे। ऐसे में दशहरे पर नीलकंठ देखने को परम्परा सदियों से चली आ रही है और इसे एक शुभ संकेत के रूप में देखा जाता है।



  

(Picture Credit: Freepik)
नीलकंठ का भगवान शिव से संबंध

भगवान शिव को भी नीलकंठ के रूप में जाना जाता है। महादेव ने समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न हुए विष का पान किया था, जिस कारण उनका गला यानी कंठ नीला पड़ गया था। एक कथा के अनुसार, रावण वध के बाद भगवान राम ने ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए लक्ष्मण के साथ महादेव की पूजा-अर्चना की थी। तब भगवान शिव ने उन्हें नीलकंठ रूप में ही दर्शन दिए थे। ऐसे में यह माना जाता है कि दशहरे पर नीलकंठ के दर्शन करने से व्यक्ति को भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।



  

(Picture Credit: Freepik)
मिलते हैं ये संकेत

यदि दशहरा वाले दिन आपको नीलकंठ पक्षी (Neelkanth) के दर्शन होते हैं, तो इसका अर्थ यह माना जाता है कि जल्द ही आपकी किस्मत खुलने वाली है। साथ ही इसका यह अर्थ भी माना जाता है कि आपको अपने किसी जरूरी काम में सफलता मिल सकती है। इसके साथ ही दशहरा के दिन नीलकंठ का दिखना सुख-समृद्धि, के आगमन का भी प्रतीक माना जाता है। इससे व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य की वृद्धि हो सकती है।



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