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Dussehra 2025 Yoga: दशहरा पर सुकर्मा और रवि योग का महासंयोग, नोट करें पूजा समय और रावण दहन का शुभ मुहूर्त

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发表于 2025-10-28 18:12:15 | 显示全部楼层 |阅读模式
  Dussehra 2025 Yoga: दशहरा का धार्मिक महत्व





धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 02 अक्टूबर को दशहरा है। यह पर्व हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीराम की पूजा की जाती है। साथ ही शस्त्र पूजन भी किया जाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  

सनातन शास्त्रों में निहित है कि त्रेता युग में आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगवान श्रीराम ने युद्ध के मैदान में दशानन रावण को परास्त किया था। इस उपलक्ष्य पर हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है।



ज्योतिषियों की मानें तो दशहरा पर रवि और सुकर्मा योग (Dussehra Ravi Yoga Benefits) समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान श्रीराम की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। आइए जानते हैं-
दशहरा शुभ मुहूर्त (Dussehra Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, 02 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 10 मिनट तक आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। इसके बाद एकादशी तिथि शुरू होगी। इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक पर्व दशहरा (Dussehra 2025) मनाया जाएगा।   


दशहरा विजय मुहूर्त (Dussehra Vijay Muhurat)

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से लेकर 02 बजकर 56 मिनट तक है। इस दिन पूजा का समय दोपहर 01 बजकर 21 मिनट से लेकर दोपहर के 03 बजकर 44 मिनट तक है। कुल मिलाकर कहें तो दशहरा पर पूजा के लिए शुभ समय 2 घंटे 23 मिनट का है। साधक दोपहर 01 बजकर 21 मिनट से लेकर दोपहर के 03 बजकर 44 मिनट के मध्य भगवान श्रीराम की पूजा कर सकते हैं।


रवि योग

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर रवि योग का संयोग बन रहा है। रवि योग का संयोग दिन भर है। इस दिन सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक उत्तराषाढा नक्षत्र का संयोग है। इसके बाद दिन भर श्रवण नक्षत्र का संयोग है। इस योग में भगवान श्रीराम की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान मिलेगा। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी।   
सुकर्मा योग

दशहरा पर सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन देर रात 11 बजकर 29 मिनट तक है। इस योग में भगवान श्रीराम की पूजा करने से शुभ कामों में सफलता प्राप्त होगी। इस शुभ अवसर पर तैतिल और गर करण का योग बन रहा है।


पंचांग

  • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर
  • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 06 मिनट पर
  • चन्द्रोदय- दोपहर 03 बजकर 09 मिनट पर   
  • चन्द्रास्त - देर रात 01 बजकर 56 मिनट पर (अक्टूबर 03)
  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 38 मिनट से 05 बजकर 26 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से 02 बजकर 56 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 06 मिनट से 06 बजकर 30 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक


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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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