找回密码
 立即注册
搜索
查看: 810|回复: 0

रिलीज से Kantara Chapter 1 को लेकर ऋषभ शेट्टी ने खोले राज, स्टंट के चक्कर में जोखिम में पड़ गई थी जान

[复制链接]

8万

主题

-651

回帖

24万

积分

论坛元老

积分
247141
发表于 2025-10-28 18:07:45 | 显示全部楼层 |阅读模式
  कांतारा सुपरस्टार ऋषभ शेट्टी (फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम)





एंटरटेनमेंट डेस्क, मुंबई। फिल्में केवल मनोरंजन का माध्यम ही नहीं, बल्कि उससे किसी दौर या संस्कृति को भी डॉक्यूमेंट किया जा सकता है। यह मानना है कन्नड़ फिल्मों के अभिनेता ऋषभ शेट्टी (Rishab Shetty) का। साल 2022 में रिलीज हुई पैन इंडिया कन्नड़ फिल्म कांतारा : ए लीजेंड के बाद वह इसकी प्रीक्वल कांतारा : चैप्टर 1 (Kantara: Chapter 1) के साथ तैयार हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें



फिल्म दो अक्टूबर को रिलीज हो रही है। पेश है अभिनेता ऋषभ शेट्टी के साथ फिल्म व उनके करियर के बारे में जागरण के मंच पर हुई बातचीत के अंशः
क्या आपको लगता है कि कांतारा जैसी कहानियां लुप्त हो रही सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने में मदद कर सकती हैं?

निश्चित रूप से सिनेमा एक तरफ मनोरंजन है, तो दूसरी ओर ऐसी फिल्म को हम डाक्यूमेंट कर सकते हैं। दैव कोला कैसे होता है, कर्नाटक के तटीय इलाकों की संस्कृति कैसी है, लोगों की जिंदगी क्या है, उनकी आस्था और सोचने का तरीका क्या है, वह दूसरे लोगों को फिल्मों के माध्यम से पता चलता है। जब तक सिनेमा रहेगा हमारी लोककथाएं भी उसके जरिए सामने आती रहेंगी। उसे संरक्षित करने का यह हमारे पास अवसर है।



  

यह भी पढ़ें- Kantara Chapter 1 की शूटिंग के दौरान ऋषभ शेट्टी ने स्पेशल सीन्स के लिए किया बड़ा त्याग, लेकिन क्यों?


पैन इंडिया फिल्में बड़े बजट और ज्यादा जोखिम के साथ आती हैं। क्या रचनात्मक आजादी पर इन चीजों का दबाव होता है?

नहीं। हम फिल्म से मिली पहचान को केवल सफलता मानते हैं। आगे बढ़ने के लिए और अच्छा काम करने का प्रयास करते हैं। कड़ी मेहनत करते हैं। हम दबाव में आकर काम नहीं कर सकते। दबाव होगा, तो कहानी को विकसित नहीं कर पाएंगे।

  


यह प्रीक्वल फिल्म है, कहानी अतीत में जाएगी। रिसर्च कैसा रहा?

आपने बताया था कि पहली कांतारा की शूटिंग के दौरान, आप स्टंट करते हुए मरते-मरते बचे थे- इस फिल्म को बनाने में बहुत सारा जोखिम था, बहुत से मसले थे। हमें लगता था कि कोई ऊर्जा है, जो हमारी रक्षा कर रही है। मैंने तो बहुत गहराई से महसूस किया, वरना बहुत जोखिम था। जहां तक रिसर्च की बात है, तो हमारे पास रिसर्च टीम थी।



  

दैव नर्तक भी साथ में थे। सोलह समुदाय होते हैं, जो दैव कोला के रूप में आराधना करते हैं, कई लोग उस प्रक्रिया में शामिल भी होते हैं, उन सबको शामिल किया गया। गांव के भी कुछ लोग थे। दो वायस चांसलर को भी शमिल किया था, जिन्होंने इस पर पीएचडी की है, कई किताबें लिखी हैं। चौथी और पांचवीं सदी को हम कहानी में स्थापित कर रहे हैं, उन्होंने उसे बनाने में बहुत सारे रेफरेंस दिए। हमें स्क्रिप्ट को बनाने में ही एक साल का समय लग गया था।


गुलशन देवैया फिल्म में राजा की भूमिका में हैं। क्या वह पहली पसंद थे?

गुलशन पहली पसंद थे। वह कन्नड़ से ताल्लुक रखते हैं। हम तीन-चार साल पहले हम किसी दूसरी फिल्म के लिए मिले थे। उन्होंने फिल्म को हां भी कह दी थी, दूसरे लाकडाउन के बाद फिल्म को शुरू किया।
आपने फिल्म का हिंदी ट्रेलर रितिक रोशन से लांच करवाया। कोई खास वजह रही?

यह प्रोडक्शन हाउस का फैसला था। रितिक सर ने पिछली फिल्म को देखकर उसकी सराहना की थी। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट भी लिखा थी, हमारे काम को सपोर्ट भी किया है।


पीरियड व पौराणिक फिल्में ज्यादा भी रही हैं?

कलाकार को पीरियड, माइथोलाजिकल और बायोपिक करने में दिलचस्पी होती ही है। ऐसी कहानियों में काफी कुछ एक्सप्लोर करने का मौका मिलता है।
आप जय हनुमान फिल्म कर रहे। हनुमान भगवान बनने की क्या तैयारी है?

अभी तक फिल्म की शुरू की नहीं है। कांतारा : चैप्टर 1 की रिलीज के बाद उस फिल्म की टीम से जुड़ूंगा। फिर रीडिंग सेशन होगा, रिहर्सल और वर्कशाप होगी। कहानी अच्छी है। प्रशांत वर्मा (जय हनुमान फिल्म के निर्देशक) ने बहुत शानदार काम किया है।



यह भी पढ़ें- Kantara Chapter 1 Collection: क्या करके मानेगा कांतारा! रिलीज से पहले ही ऋषभ की फिल्म ने कमाई से कर दिया दंग
您需要登录后才可以回帖 登录 | 立即注册

本版积分规则

Archiver|手机版|小黑屋|usdt交易

GMT+8, 2025-11-26 12:03 , Processed in 0.125697 second(s), 22 queries .

Powered by usdt cosino! X3.5

© 2001-2025 Bitcoin Casino

快速回复 返回顶部 返回列表