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सरकारी सुविधाओं के बिना भी क्रिकेट में चमक रहे जिले के होनहार खिलाड़ी। जागरण
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। जिले का स्पोर्ट्स स्टेडियम भले ही सरकारी सुविधाओं से वंचित है, मगर यहां की मिट्टी से क्रिकेट की ऐसी प्रतिभाएं निकल रही हैं जो प्रदेश, देश और यहां तक कि पड़ोसी देश नेपाल में भी अपना परचम लहरा रही हैं। खास बात यह है कि इन खिलाड़ियों को तैयार करने में किसी सरकारी कोच का हाथ नहीं, बल्कि दो निजी युवा कोच लगातार मेहनत कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शोहरतगढ़ का वीरेंद्र ग्रामीण स्टेडियम और जिला क्रीड़ांगन आज क्रिकेट प्रतिभाओं के गढ़ के रूप में पहचाने जाने लगे हैं। यहां अभ्यास करने वाले खिलाड़ी राष्ट्रीय कैंप से लेकर प्रीमियर लीग तक जगह बना रहे हैं। बेलवा निवासी बालिका खिलाड़ी रिद्धि सिंह हाल ही में अहमदाबाद में आयोजित नेशनल कैंप से लौटी हैं और अब भारतीय महिला क्रिकेट टीम में चयन का लक्ष्य लेकर तैयारी कर रही हैं।
शानदार प्रदर्शन कर रहे ये खिलाड़ी
इसी तरह गदहमरवा के संदीप पासवान, लेहड़ा के हर्षित मौर्या और सैफई स्पोर्ट्स कॉलेज से जुड़े हर्ष उपाध्याय बड़ौदरा प्रीमियर लीग में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इन खिलाड़ियों की सफलता ने साबित किया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद समर्पण और मेहनत से बड़ी ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है। सिर्फ भारतीय खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि नेपाल के क्रिकेटरों की राह भी सिद्धार्थनगर से होकर गुजर रही है।
कपिलवस्तु जिले के कृष्णानगर निवासी रौनक श्रीवास्तव पिछले पांच वर्षों से जिला स्टेडियम में विपिन मणि त्रिपाठी के मार्गदर्शन में अभ्यास कर रहे हैं। तीन माह पूर्व मलेशिया में आयोजित एसीसी मेंस अंडर-16 ईस्ट जोन कप में उन्होंने 296 रन बनाकर नेपाल को खिताब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी तरह नेपाल के बशीर खान भी सिद्धार्थनगर में रहकर विवेक मणि त्रिपाठी से क्रिकेट की बारीकियां सीखते रहे हैं।
नेपाल के रेगुलर खिलाड़ी
आज वह नेपाल की राष्ट्रीय टीम के नियमित खिलाड़ी हैं और पिछले वर्ष नेपाल प्रीमियर लीग में अपनी शानदार गेंदबाजी से सुर्खियों में रहे। वर्तमान में भी वह सिद्धार्थनगर आकर अभ्यास जारी रखते हैं। स्थानीय स्तर पर खिलाड़ियों की लगन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिला क्रीड़ांगन में उन्होंने अपने जेब खर्च से रुपये बचाकर क्रिकेट पिच बनवाई। हालांकि अब भी यहां रनिंग ट्रैक, फिटनेस सेंटर, इनडोर हाल और उपयुक्त लाइटिंग जैसी सुविधाएं नहीं हैं। बावजूद इसके युवा खिलाड़ी सीमित साधनों के साथ अभ्यास कर रहे हैं और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं।
क्रीड़ाधिकारी आशुतोष अग्निहोत्री ने बताया कि जिला क्रीड़ांगन को कैंप मिलने पर ही सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। अब तक केवल तीन खेलों के लिए कैंप आवंटित हुए हैं, जबकि क्रिकेट को इसके लिए अभी जगह नहीं मिली है। उनका मानना है कि यदि क्रिकेट कैंप आवंटित हो जाए तो खिलाड़ियों को जरूरी सुविधाएं और बेहतर प्रशिक्षण मिल सकेगा।
जिले के लोगों का कहना है कि यहां की मिट्टी में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अगर सरकार सुविधाएं उपलब्ध कराए तो सिद्धार्थनगर से और भी अधिक खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर सकते हैं। |
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