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दनियावां प्रखंड की 40 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित। सांकेतिक तस्वीर
संवाद सूत्र, दनियावां। प्रखंड में इस वर्ष आई बाढ़ ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। चौथी बार आई बाढ़ के बाद शनिवार को जलस्तर में हल्की कमी दर्ज की गई, लेकिन प्रखंड के पश्चिमी हिस्सों में भारी तबाही मच चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अनुमान के अनुसार, लगभग चालीस हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। प्रखंड की खरभैया पंचायत अंतर्गत सरथुआ, ऐमनबीघा, कंचनपुर परसनबिगहा और चकरजा गांवों में लगातार नदी का पानी प्रवेश करता रहा, जिससे किसानों की फसलें पूरी तरह डूब गईं।
इसी प्रकार, शाहजहांपुर पंचायत के शाहजहांपुर, नवीचक, मकसूदपुर, हसनपुर, मसनदपुर तथा सलारपुर पंचायत का सलारपुर गांव भी बाढ़ की चपेट में आ गया है।
हालांकि, शनिवार को महतमाइन नदी के जलस्तर में कमी आई, लेकिन सरथुआ गांव और उसके टोला मदारीचक के लोगों की परेशानी अब भी बरकरार है।
ग्रामीणों का कहना है कि रोजमर्रा के काम-काज और आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति के लिए घर से निकलना मुश्किल हो गया है। स्थानीय ग्रामीण एवं पूर्व पंचायत समिति सदस्य सुनील कुमार ने बताया कि रेलवे लाइन निर्माण के बाद से हर साल बारिश में समस्या बढ़ी है।
रेलवे द्वारा बनाए गए अंडरपास में पानी भर जाने से गांव का मुख्य संपर्क मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है, जिससे ग्रामीणों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं, सरथुआ, खरभैया, ऐमनबीघा, शाहजहांपुर, मकसूदपुर, मदारीचक, हसनपुर, नूरीचक और नवीचक गांवों की शत-प्रतिशत धान की फसल पूर्ववर्ती बाढ़ में ही नष्ट हो चुकी है। चकरजा, किसमिरिया, खरभैया आदि गांवों की फसलें भी गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं।
मकसूदपुर गांव के किसान एवं बीस सूत्री कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष रवि प्रकाश ने बताया कि शाहजहांपुर पंचायत में खरीफ फसल की पूरी तरह क्षति हुई है। उन्होंने सरकार से तत्काल सहायता देने की मांग की।
पूर्व मुखिया एवं किसान चंद्रदेव प्रसाद ने भी प्रशासन और सरकार से बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद की गुहार लगाई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि शीघ्र राहत और मुआवजा नहीं मिला, तो आने वाले दिनों में किसानों के सामने गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाएगा। |
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