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यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
प्रिंस कुमार, दरभंगा। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर जिले में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। विभिन्न विधानसभाओं में नेता जनता को खुश करने में जुट गए हैं। लेकिन, कई ऐसी विधानसभा सीट हैं, जहां जनता अपने मौजूदा विधायकों से खुश नहीं है। पांच साल पूर्व दिए गए आश्वासन को पूरा नहीं करने पर जनता में नाराजगी देखी जा रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कई ऐसे बड़े मुद्दे हैं, जिनपर पिछले विधानसभा चुनाव में आश्वासन मिला था कि चुनाव जीतते ही इसका निदान किया जाएगा। मांगे पूरी की जाएंगी। लेकिन धरातल पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। विधायक जी, मिलते भी तो नहीं थे, यही समय है, जब दोबारा विधायक बनने के लिए नेता जी, फिर से क्षेत्र में नजर आ रहे हैं, तो जनता भी भड़ास निकालने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों में आधा दर्जन से अधिक में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। जनापूर्ति, सड़क, सिचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत कई मुद्दों को लेकर प्रत्याशियों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
इस कारण वर्तमान विधायकों को क्षेत्र में जनसंपर्क के दौरान खूब खरी-खोटी सुननी पड़ रही है। विधायक के विरोध का बुलंद स्वर हायाघाट में मुखर हुआ है। और जगह तो आवाज उठने से पहले ही उसे मैनेज करने का प्रयास किया गया। लेकिन, हायाघाट में विधायक अपने मतदाताओं को संतुष्ट नहीं कर पाए। जाले में भी विधायक को सड़क और नाले को लेकर विरोध सहना पड़ रहा है। मगर उसकी तुलना में हायाघाट का विरोधी स्वर आला कमान तक पहुंच ही गया।
आला कमान ने ऐसे स्वर को शांत करने के लिए त्वरित पहल करते हुए डैमेज कंट्रोल की अपनी रणनीति लागू कर दी। उसी रणनीति के तहत समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी ने हायाघाट में कैंप करना आरंभ कर दिया है। जहां कहीं भी विरोध की आवाज विधायक के लिए सुनी जाती है, सांसद स्वयं मौके पर पहुंचकर लोगों से उनकी समस्या जान उसके निदान का त्वरित प्रयास कर रहीं हैं। इसका परिणाम भी सामने आ रहा है। जहां जहां हायाघाट में विधायक के विरोध में आवाज उठी थी, वहां अब शांति है। लोग भी अपनी समस्याएं अपने सांसद तक पहुंचाकर संतुष्ट हो रहे हैं कि कोई तो पार्टी की ओर से उनकी सुधि लेने आया है। |
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