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राजनीतिक घराने की दूसरी-तीसरी पीढ़ी चेरियाबरियारपुर के मैदान में, जातीय समीकरण साधने पर बनेगी बात

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发表于 2025-10-28 18:32:55 | 显示全部楼层 |阅读模式
  

पूर्व विधायक मंजू वर्मा और जदयू प्रत्याशी अभिषेक कुमार। (फाइल फोटो)



बलबंत चौधरी, छौड़ाही (बेगूसराय)। चेरिया बरियारपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रथम चरण में मतदान है। इसके लिए नाम वापसी के बाद प्रत्याशी मैदान में आ गए हैं। यहां के सिटिंग राजद विधायक राजवंशी महतो का टिकट कट चुका है। अब प्रत्याशी व उनके समर्थक अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जातीय गुणा भाग में सर्वाधिक समय दे रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

एनडीए, महागठबंधन एवं जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी सक्रिय हैं। जन सुराज पार्टी ने डॉ. मृत्युंजय कुमार चौधरी को टिकट दिया है। एनडीए से जदयू के अभिषेक कुमार एवं महागठबंधन से सुशील कुमार भूमिहार-ब्राह्मण के बाद सर्वाधिक मतदाता वाले कोइरी (कुशवाहा) जाति से हैं।

यहां राजद से बागी होकर इसी वर्ग से एक और प्रत्याशी ने नामांकन कराया है। बाहरी एवं स्थानीय को ले कार्यकर्ताओं में काफी उथल-पुथल है। जन सुराज के कार्यकर्ताओं में भी प्रत्याशी का नाम तय होने के बाद काफी बेचैनी देखी गई है।

इस विधानसभा क्षेत्र के मतदान का पैटर्न ऐसा रहा है कि जातीय सीमा टूट भी जाती है तो भूमिहार या कुशवाहा जाती से ही विधायक बनते हैं।
दोनों मुख्य गठबंधन में परिवार की जय

एनडीए से जदयू से अभिषेक कुमार ने नामांकन कराया है। यह पूर्व मंत्री एवं दो बार चेरिया बरियारपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकीं मंजू वर्मा के पुत्र हैं। अभिषेक कुमार के दादा सुखदेव महतो भी एक बार सीपीआई से यहां के विधायक चुने गए थे।

यानी तीसरी पीढ़ी परिवारवाद को कायम रखने को चुनाव मैदान में उतरे हैं। महागठबंधन की तरफ से सीटिंग विधायक राजवंशी महतो का टिकट कट गया और खगड़िया जिले के निवासी पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के पुत्र सुशील कुमार को राजद का सिंबल मिला। यह कहें कि उन्होंने नामांकन कर दूसरी पीढ़ी को राजनीति में स्थापित करने की जतन में लग गए हैं।
बागी, स्थानीय-बाहरी और परिवारवाद

राजद के जिला स्तरीय पदाधिकारी रामसखा महतो विगत कई महीनों से विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान में लगे थे। टिकट पक्की होने की बात कर रहे थे। अचानक सुशील कुमार का नाम फाइनल हो गया। तो, वे इंटरनेट मीडिया पर लाइव आकर रोने लगे और रो-रोकर अपना दुखड़ा सुनाया।
जातिगत आंकड़े

परिसीमन के बाद 2005 के दोनों वार के विधानसभा चुनाव में भूमिहार-ब्राह्मण अनिल चौधरी ने लोजपा से विधायक चुने गए। इसके बाद वर्ष 2010 एवं 2015 में मंजू वर्मा एवं 2020 में विधायक चुने गए राजवंशी महतो कोइरी कुशवाहा जाति से हैं।

इससे पूर्व भी भूमिहार-ब्राह्मण जाति के रामजीवन सिंह तो, वहीं कुशवाहा जाति से स्व. हरिहर महतो, स्व. सुखदेव महतो, अशोक महतो भी यहां से विधायक चुने गए हैं। तात्पर्य यह कि अभी तक के हुए सभी विधानसभा चुनाव में भूमिहार या कुशवाहा समाज से ही विधायक चुने गए हैं।

जातिगत मतदाता की बात करें तो सर्वाधिक लगभग 55 हजार मतदाता भूमिहार जाति से हैं। इसके बाद 50 हजार के लगभग कुशवाहा मतदाता हैं। 36 हजार के लगभग मुसलमान मतदाता भी किसी पार्टी की जीत-हार में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। इसके बाद पासवान, पान तांती, यादव, मुसहर एवं पचपनिया वर्ग के मतदाता हैं।
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