|
|
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
जागरण संवाददाता, धनबाद। धरती की प्यास बुझाकर पूरे 117 दिनों बाद मानसून ने विदाई ले ली। धनबाद में 18 जून से मानसूनी बारिश की शुरुआत हुई थी।
जून से सितंबर तक मानसून सीजन में झमाझम बारिश हुई। चारों महीने में से प्रत्येक माह मानसूनी बादल सामान्य से अधिक बरसे। एक अक्टूबर से शुरू हुए पोस्ट मानसून सीजन में भी लौटते मानसून के बादलों ने भारी बारिश कराया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
12 दिनों में सामान्य से 123 प्रतिशत अधिक वर्षा का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। रविवार को मानसून ने धनबाद समेत पूरे झारखंड से विदाई ले ली।
मौसम केंद्र रांची से जारी सूचना में बताया गया कि पूरे झारखंड में मानसून की विदाई की परिस्थिति अनुकूल है। मानसून के जाने से पहले ही गुलाबी ठंड ने अंगड़ाई ले ली है। पहाड़ों पर हिमपात का असर दिखने लगा है। रात के मौसम में ठंडक घुल गई है। दिवाली बाद गर्म कपड़े निकालने पड़ सकते हैं।
मानसून के जानकार डॉ. एसपी यादव का कहना है कि पछुआ हवा का आगमन ही मानसून की विदाई का संकेत है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में ठंडक घुली है। अब दक्षिण की ओर जाने वाले बादल यदा-कदा आकर स्थानीय स्तर पर मजबूत होकर कभी-कभी हल्की बारिश करा सकते हैं।
सुबह नवंबर, दोपहर अप्रैल तो रातें फरवरी जैसी
शहर का मौसम अब सुबह से रात तक अलग-अलग रंग दिखा रहा है। सुबह नवंबर माह जैसी ठंडक है। मध्य नवंबर के बाद से कोहरा छाने जैसी स्थिति अभी से ही बनने लगी है।
भोर में ठंडक का भी एहसास होने लगा है। दिन में मौसम साफ होते ही तेज धूप खिलने से अप्रैल जैसी गर्मी का अनुभव हो रहा है। शाम ढलते ही मौसम में ठंडक घुल रही है। ठंडी हवाएं रात को सर्द बना रही हैं। |
|