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Lakhisarai News: किऊल नदी बदहाल, अवैध उत्खनन लील रही जिंदगी

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发表于 2025-10-28 18:22:07 | 显示全部楼层 |阅读模式
  



संवाद सहयोगी, लखीसराय। लखीसराय शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली किऊल नदी बदहाली की प्रतीक बन चुकी है। कभी लाल बालू से भरपूर और सुंदर प्रवाह वाली यह नदी अब अवैध उत्खनन के कारण मृतप्राय हो चुकी है। बालू माफियाओं ने इसके किनारे पर हर जगह जानलेवा गड्डढ़ा खोद कर छोड़ दिया है। इसके कारण पिछले एक वर्ष में ही इसमें डूबकर दर्जन भर से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सरकारी प्रविधान के अनुसार नगरीय क्षेत्र में किऊल नदी से बालू का उत्खनन पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसी वजह से नगर परिषद क्षेत्र में इस नदी घाट की बंदोबस्ती नहीं होती। बावजूद इसके, बीते पांच वर्षों में नदी के प्रतिबंधित हिस्से में बड़े पैमाने पर अवैध खनन बदस्तूर चलता रहा।

यह स्थिति तब भी बनी रही जब क्षेत्रीय विधायक राज्य के उपमुख्यमंत्री और खनन मंत्री भी रहे। नगर परिषद के उपसभापति सहित कई वार्ड पार्षदों ने नदी को बचाने और अवैध खनन रोकने का लगातार प्रयास किया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ।

स्थानीय राजेंद्र प्रसाद साहू, वार्ड पार्षद उमेश चौधरी और गणेश चौधरी, सामाजिक कार्यकर्ता संजय प्रजापति आदि ने बताया कि किऊल नदी लखीसराय शहर की जीवनरेखा है, लेकिन इसके संरक्षण की दिशा में कभी भी ठोस कदम नहीं उठाया गया। कभी यह नदी लाल बालू से लबालब रहती थी, लेकिन आज गड्ढों में तब्दील होकर जानलेवा बन गई है। ह

र वर्ष महापर्व छठ के समय श्रद्धालुओं और व्रतियों को किऊल नदी में अर्घ्यदान के दौरान भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। नदी के कई घाट अब असुरक्षित हो गए हैं। भले ही स्थानीय जनप्रतिनिधि अवैध खनन पर रोक लगाने के दावे करते रहे हों, लेकिन नतीजा शून्य रहा। अब जब चुनावी माहौल बन चुका है, तो किऊल नदी का मुद्दा नेताओं के एजेंडे से पूरी तरह गायब हो गया है।
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