भारतीय टीम में खेलने वाले पहले कश्मीरी खिलाड़ी ने क्रिकेट को कहा अलविदा, रैना-कोहली की कप्तानी में हुआ था डेब्यू
/file/upload/2025/10/5073906163062667182.webpवनडे मैच के दौरान परवेज रसूल
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेटर परवेज रसूल ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। जम्मू-कश्मीर से इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले पहले खिलाड़ी और IPL में जगह बनाने वाले पहले क्रिकेटर रहे रसूल ने सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की है। 36 साल के रसूल ने BCCI को अपने रिटायरमेंट की जानकारी दी। उन्होंने 17 साल के फर्स्ट-क्लास करियर में 352 विकेट झटके और 5648 रन बनाए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
फर्स्ट क्लास में जहां रसूल ने जलवा बिखेरा है तो वहीं, उनका इंटरनेशनल करियर केवल 2 मैच तक सीमित रहा। सुरेश रैना की कप्तानी में उन्हें पहली बार टीम इंडया के लिए खेलने का मौका मिला। 15 जून 2014 को बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर में रसूल ने T20I डेब्यू किया। ढाई साल बाद विराट कोहली की कप्तानी में इंग्लैंड के खिलाफ कानपुर में अपना पहला वनडे मैच खेला। रसूल ने टी20I में पांच रन बनाए हैं और एक विकेट चटकाया है। वहीं, वनडे में परवेज के नाम दो विकेट दर्ज है।
रणजी में बिखेरा था जलवा
उन्होंने रणजी ट्रॉफी में सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर के लिए लाला अमरनाथ ट्रॉफी दो बार (2013/14 और 2017/18) जीती, जो उनके शानदार योगदान को दर्शाती है। परवेज रसूल का सफर इस बात की मिसाल है कि कठिन हालात में भी जुनून और मेहनत से सफलता की राह बनाई जा सकती है।
आईपीएल का भी रहे हिस्सा
बता दें कि साल 2012-13 में रसूल ने जम्मू-कश्मीर के लिए शानदार प्रदर्शन किया था। उस सीजन रसूल ने 594 रन बनाए थे और 33 विकेट अपने नाम किए थे। इसके बाद उन्हें भारतीय टीम में शामिल कर लिया गया और फिर IPL फ्रेंचाइजी पुणे वॉरियर्स से भी जुड़ गए। वह लंबे समय से जम्मू-कश्मीर की रणजी ट्रॉफी टीम से बाहर चल रहे थे। इस दौरान उन्होंने श्रीलंका में फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलना जारी रखा और कश्मीर घाटी के युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षित किया।
कोचिंग करने का है लक्ष्य
अब उनकी नजरें फुल टाइम कोचिंग देने पर टिकी हैं। उन्होंने हाल ही में BCCI सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से लेवल-II कोचिंग सर्टिफिकेट प्राप्त किया है और उनका लक्ष्य अब फुलटाइम कोचिंग करना है। रसूल ने रिटायरमेंट के मौके पर स्पोर्ट्सस्टार से बातचीत में कहा कि जब उन्होंने खेलना शुरू किया था। तब बहुत लोग जम्मू-कश्मीर क्रिकेट को गंभीरता से नहीं लेते थे।
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