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बिहार की इस सीट में पक्ष-विपक्ष की नहीं, सांसद व विधायक की लड़ाई; घर का झगड़ा सुलझाने में फूल रहा दम

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बेहलहर में जदयू के भीतर ही सियासी जंग छिड़ी



बिजेन्द्र कुमार राजबंधु, बांका। बेलहर विधानसभा क्षेत्र इन दिनों सियासी संग्राम का केंद्र बन गया है। यादव बहुल इस क्षेत्र में पहली बार ऐसा हुआ है, जब मुकाबला दो दलों के बीच नहीं, बल्कि जदयू के भीतर ही हो रहा है।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बांका से जदयू सांसद गिरिधारी यादव के पुत्र चाणक्य प्रकाश रंजन के राजद में सम्मिलित होने के बाद से सांसद और बेलहर से जदयू विधायक मनोज यादव के बीच का कलह खुलकर सामने आ गया है। राजनीति की यह रस्साकशी गांव-गांव और चौपालों से लेकर परिवारों तक में चर्चा का विषय बनी हुई है।

इससे बेलहर का चुनाव दिलचस्प बन गया है। मनोज यादव के जदयू के टिकट पर 17 अक्टूबर और चाणक्य के 18 अक्टूबर को नामांकन कराने की चर्चा है।
गिरिधारी बोले, मनोज से मेरी राजनीतिक लड़ाई है

गिरिधारी ने कहा कि मेरी राजनीतिक लड़ाई वर्षों से मनोज यादव से है। मनोज स्वयं मेरे चुनाव प्रचार में सम्मिलित नहीं थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा जब मेरे समर्थन में हुई थी, तो उससे मनोज ने दूरी बनाई थी, इसलिए हम उनके साथ नहीं हैं।

जनता समय पर निर्णय करेगी। मेरा बेटा लंदन से पढ़कर आया है और अपने बारे में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। वह राजद से चुनाव लड़ रहा है, इसमें हम क्या कर सकते हैं! विधान परिषद चुनाव में जदयू के अधिकृत प्रत्याशी विजय कुमार सिंह थे, तब मनोज ने अपनी पत्नी को उनके विरुद्ध चुनाव लड़वाया। स्वयं प्रचार भी किया। सरकार गिराने के षड्यंत्र में उनकी भूमिका रही है, इसकी जांच भी चल रही है।
मनोज बोले, सरकार गिराने में मेरी कोई भूमिका नहीं

मनोज ने कहा कि मेरी पत्नी पहले से बांका जिला परिषद की अध्यक्ष रही हैं। उसने पहली बार निर्दलीय विधान परिषद का चुनाव जीता है। यह चुनाव पार्टी स्तर पर नहीं होता है। मात्र प्रत्याशी अधिकृत होता है। इसलिए जदयू के विरुद्ध पत्नी को चुनाव लड़ाने की बात गलत है।

अगर सरकार गिराने में मेरी भूमिका रहती तो पार्टी द्वारा स्पष्टीकरण लिया जाता। रविवार को गिरिधारी ने फुल्लीडुमरप्रखंड एवं झारखंड के देवघर में बांका के राजद कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की है। दल विरोधी काम करने के कारण उनकी सदस्यता जाएगी। इसके लिए सरकार लगी हुई है। पार्टी ने भी सांसद को दो बार नोटिस दिया है।
प्रत्याशी की घोषणा के बाद अपने पत्ते खोलेंगे रामदेव

पिछली बार बेलहर से राजद के प्रत्याशी रहे रामदेव यादव नाराज जरूर पर हैं, लेकिन खुलकर कुछ नहीं बोल रहे। उनका कहना है कि पार्टी ने उन्हें कोई आदेश या निर्देश नहीं दिया है। पार्टी में रोज लोग मिल रहे हैं। अगर चाणक्य रंजन प्रत्याशी होंगे, तो पार्टी से पूछा जाएगा। फिलहाल कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर अगली रणनीति तय की जाएगी। ज्ञात हो कि रामदेव पिछले चुनाव में जदयू के मनोज से पराजित हुए थे।
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