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पटना साहिब में रखे जाएंगे गुरु गोविंद सिंह और माता साहिब कौर के चरण पादुका, दिल्ली से निकलेगा नगर कीर्तन

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गुरु गोविंद सिंह जी और माता साहिब कौर जी के चरण पादुका पटना साहिब गुरुद्वारा ले जाकर स्थापित किया जाएगा।



राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। गुरु गोविंद सिंह जी और माता साहिब कौर जी के पवित्र जोड़े साहिब (चरण पादुका) को पूरे सम्मान के साथ दिल्ली से पटना साहिब गुरुद्वारा ले जाकर स्थापित किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली से पटना तक नगर कीर्तन निकलेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उनके परिवार को पवित्र जोड़े साहिब की लगभग 300 वर्षों तक सेवा करने का सौभाग्य मिला है। अब इसे गुरुजी के जन्म स्थल पटना साहिब में स्थापित किया जाएगा। यह निर्णय श्री राम कालेज आफ कामर्स की प्रिंसिपल प्रोफेसर सिमिरत कौर की अध्यक्षता में गठित समिति ने सिख विद्वानों, इतिहासकारों, सिख नेताओं व संगत से विचार विमर्श के बाद लिया है।

प्रेसवार्ता में उन्होंने बताया कि दीपावली के बाद नगर कीर्तन निकालने का प्रस्ताव है। यह पवित्र यात्रा दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार चार राज्यों से होते हुए नौ दिनों में 1500 किलोमीटर की यात्रा तय करेगी। दिल्ली से शुरू होकर यह पवित्र यात्रा फरीदाबाद, आगरा, बरेली, लखीमपुर, कानपुर, प्रयागराज सहित कई स्थानों पर रुकेगी।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कहा, नगर कीर्तन 23 या 24 अक्टूबर से शुरू करने की तैयारी है। शीघ्र ही तिथि घोषित की जाएगी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को भी नगर कीर्तन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।

प्रोफेसर सिमिरत कौर ने कहा कि जोड़े साहिब को स्थापित करने के लिए हरिमंदिर जी पटना साहिब और आनंदपुर साहिब पर विचार किया गया। गुरु जी का जन्म स्थल के साथ ही उनकी आध्यात्मिक यात्रा पटना साहिब से ही प्रारंभ हुई थी। इस कारण पटना साहिब में ही इसे स्थापित करने का निर्णय हुआ।

गुरु गोविंद सिंह जी की दाहिनी पादुका (11 इंच x 3.5 इंच) और माता साहिब कौर जी (9 इंच x 3 इंच) की बाईं पादुका के अंतिम संरक्षक करोल बाग में रहने वाले जसमीत सिंह पुरी थे। इस स्थान की पवित्रता को देखते हुए उनके निवास तक जाने वाली सड़क का नाम गुरु गोविंद सिंह मार्ग रखा गया है। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी मनप्रीत सिंह पुरी ने हरदीप सिंह पुरी से जोड़े साहिब को सुरक्षित और संगत के दर्शन के लिए इसे रखे जाने में सहयोग की अपील की।

इसके बाद संस्कृति मंत्रालय के विशेषज्ञों द्वारा इसकी ऐतिहासिक और वैज्ञानिक विश्लेषण किया। इंदिरा गांधी कला केंद्र ने कार्बन डेटिंग परीक्षण कर अप्रैल, 2024 में अपनी रिपोर्ट दी। इसके बाद प्रोफेसर सिमरित कौर की अध्यक्षता में समिति गठित की गई। समिति ने विचार विमर्श के बाद प्रधानमंत्री को अपनी रिपोर्ट दी थी।
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