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Rupauli Seat Election 2025: रूपौली में उपचुनाव जैसा रणक्षेत्र, बस जन सुराज पार्टी की नई एंट्री

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शंकर सिंह, बीमा भारती और कलाधर मंडल।



प्रकाश वत्स, पूर्णिया। स्वतंत्रता संग्राम में सेनानियों के बलिदान की धरती रूपौली विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर चुनावी \“रणक्षेत्र\“ सज चुका है। कालांतर में नक्सल व जातीय संघर्ष की काली छाया में डूबे इस इलाके में नई सुबह की तड़प से उक्त परछाई शनै:-शनै: छंट रही है। यहां के राजनीतिक मिजाज में भी बदलाव का यह रंग दिखने लगा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

किनारे से गुजरी कोसी यहां की माटी को अनमोल भी बनाती है और कुछ हद तक दर्द भी बिखेरती है। अब यह इलाका चुनावी महासंग्राम के रंग में रंग चुका है। लगभग सवा साल पूर्व हुए उप चुनाव सा ही रणक्षेत्र यहां इस बार भी सजा है। अंतर यह है कि इस बार जनसुराज की भी यहां नई एंट्री हुई है।

वर्ष 2024 में यहां राजग की ओर से जदयू के कलाधर मंडल व महागठबंधन की ओर से राजद की पूर्व विधायक बीमा भारती मैदान में थीं। लोजपा से बेटिकट होने पर शंकर सिंह निर्दल ही मैदान में उतर गए थे। परिणाम चौकाने वाला रहा था।

यहां राजग के साथ-साथ महागठबंधन प्रत्याशी को भी मात देते हुए जीत का परचम लहरा दिया था। इस बार भी जदयू ने कलाधर मंडल पर अपना भरोसा जताया है और राजद से पूर्व विधायक बीमा भारती ने अपना नामांकन पर्चा भी दाखिल कर दिया है।

विधायक शंकर सिंह के जदयू में जाने की चर्चा पर अब पूरी तरह विराम लग चुका है और वे फिर से निर्दल ही मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है।

उपचुनाव में निर्दल शंकर सिंह को कुल 68782, जदयू के कलाधर मंडल को 59578 व राजद की बीमा भारती को 30108 मत मिला था। ऐसे में अबकी भी पहलवानों का चेहरा वही है, बस चुनावी गणित पर लोगों की नजर है। इसमें एक मात्र बदलाव यह है कि अबकी जनसुराज ने भी यहां से अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है। जनसुराज ने यहां अमोद मंडल को अपना प्रत्याशी बनाया है।
राजद से जदयू फिर एक बार राजद में बीमा

रूपौली की पूर्व विधायक सह पूर्व मंत्री बीमा भारती का राजनीतिक सफर वर्ष 2000 से आरंभ हुआ। वर्ष 2000 में निर्दल प्रत्याशी के रूप में उन्होंने पहली जीत दर्ज की थी। बाद में राजद में शामिल हो गई थीं। फरवरी 2005 के चुनाव में वर्तमान विधायक शंकर सिंह लोजपा के टिकट से मैदान में थे और उन्होंने बीमा भारती को पराजित कर दिया था। यद्यपि अक्टूबर 2005 में बीमा भारती ने बाजी पलट दे दी थी और शंकर सिंह चुनाव हार गए थे।

वर्ष 2010 के चुनाव में बीमा भारती राजद से नाता तोड़ जदयू में शामिल हो गईं और फिर 2010, 2015 व 2020 के चुनाव में वे विजयी रहीं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वे जदयू से नाता तोड़ राजद में शामिल हो गई और राजद ने उन्हें लोस चुनाव में पूर्णिया से अपना उम्मीदवार बनाया। यद्यपि इस चुनाव में अपनी जमानत भी नहीं बचा पायी। बाद में उन्हें पार्टी ने रुपौली से टिकट दिया, लेकिन वे तीसरे स्थान पर रही।
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