अस्पताल ने HIV मरीज की पहचान की उजागर, हाई कोर्ट ने कहा- यह अमानवीय
https://www.jagranimages.com/images/2025/10/11/article/image/hiv-1760199272787.webpअस्पताल ने HIV मरीज की पहचान की उजागर (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने रायपुर के डा. भीमराव आंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में एचआइवी पाजिटिव महिला मरीज की पहचान सार्वजनिक करने की घटना पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव से व्यक्तिगत शपथपत्र मांगा है। अदालत ने कहा कि यह कृत्य न केवल अमानवीय है, बल्कि नैतिकता और निजता के अधिकार का गंभीर उल्लंघन भी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह मामला तब सामने आया, जब 10 अक्टूबर को एक खबर में यह बताया गया कि अस्पताल में नवजात शिशु के पास एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें लिखा था कि बच्चे की मां एचआइवी पाजिटिव है। रिपोर्ट के अनुसार, यह पोस्टर प्रसूति वार्ड में मां और नर्सरी वार्ड में नवजात के बीच लगाया गया था।
अदालत ने क्या कहा?
जब बच्चे का पिता वहां पहुंचा तो उसने यह पोस्टर देखा और भावुक होकर रो पड़ा। अदालत ने कहा कि यह अत्यंत अमानवीय और असंवेदनशील आचरण है, जिसने मां और बच्चे की पहचान उजागर कर दी। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह 15 अक्टूबर तक व्यक्तिगत शपथपत्र प्रस्तुत करें, जिसमें मरीजों की गोपनीयता सुनिश्चित करने की व्यवस्था का विवरण हो।
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