Rama Ekadashi 2025: रमा एकादशी पर शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें, रोग-दोष से मिलेगी मुक्ति
https://www.jagranimages.com/images/2025/10/11/article/image/rama-ekadashi-1760158218719.webpधर्म डेस्क, नई दिल्ली। रमा एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है। यह व्रत हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस साल रमा एकादशी का व्रत 17 अक्टूबर, को रखा जाएगा। यह एकादशी (Rama Ekadashi 2025) भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। वहीं, इस पवित्र तिथि पर देवों के देव महादेव भगवान शिव की पूजा का भी विधान है। कहा जाता है कि इस दिन शिवलिंग पर कुछ विशेष वस्तुएं अर्पित करने से जीवन के विभिन्न कष्टों से छुटकारा मिलता है, तो आइए जानते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें (Offer These Things To Shivling)
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शमी के फूल
इस दिन शमी के फूल शिवलिंग पर अर्पित करने से भगवान शिव खुश होते हैं। ऐसे में नीलकंठेश्वर महादेव का नाम लेते हुए शमी के फूल शिवलिंग पर चढ़ाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से रोग-दोष से मुक्ति मिलती है।
बिल्वपत्र और शहद
बिल्वपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है। ऐसे में इसे शिवलिंग पर चढ़ाने मात्र से ही सभी पापों का नाश हो जाता है। इसलिए रमा एकादशी के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय बिल्व पत्र पर थोड़ा-सा शहद लगाकर अर्पित करें। ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।
कच्चे चावल और काले तिल
इस पावन दिन पर शिवलिंग पर कच्चे चावल में थोड़े से काले तिल मिलाकर अर्पित करें। चढ़ाने के बाद उन्हीं चावल में मिले तिल को किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान कर दें। इस उपाय को करने से शनि दोष और नकारात्मक ऊर्जा से भी मुक्ति मिलती है।
गाय का घी
इस तिथि पर शुद्ध गाय के घी से शिवलिंग का अभिषेक करें। मान्यता है कि इससे बीमारियों में लाभ मिलता है।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप
भगवान शिव के समक्ष महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार करें। ऐसा करने से जीवन पर आने वाले संकट टल जाते हैं। इसके साथ ही भोलेनाथ की कृपा मिलती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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