Karwa Chauth 2025: इस सरल विधि से करें करवा चौथ व्रत का पारण, मिलेगा अखंड सौभाग्य का वरदान
https://www.jagranimages.com/images/2025/10/10/article/image/karwa-chauth-2025-paran-vidhi-1760107307885.webpधर्म डेस्क, नई दिल्ली। करवा चौथ का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व हर साल कार्तिक महीने में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रख रही हैं। इस पर्व का समापन चंद्र दर्शन के बाद होता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
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धार्मिक मत है कि करवा चौथ व्रत करने से व्रती को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही व्रती के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। इंतजार की घड़ी कुछ देर में समाप्त होगी। जब चंद्र देव का उदय होगा। इस समय महिलाएं चंद्र देव को जल का अर्घ्य देकर व्रत का समापन करेंगी। इस छलनी से पति का चेहरा देखा जाता है। आइए, करवा चौथ व्रत खोलने की सरल विधि जानते हैं-
करवा चौथ चंद्रोदय समय
देश की राजधानी दिल्ली में चंद्रोदय रात 08 बजकर 13 मिनट पर हुआ। इस समय से विवाहित महिलाएं चंद्र देवता की पूजा कर व्रत खोल सकती हैं।
कैसे खोलें व्रत?
व्रती पूजा की थाली सजा लें। इसमें जल, छलनी, दीपक, समेत पूजा सामग्री रख लें। अब छत या खुले आसमान में खड़े होकर चंद्रोदय की दिशा में मुख कर चंद्र देव को सामान्य जल, गंगाजल या कच्चे दूध से अर्घ्य दें। इस समय चंद्र देव के नामों का मंत्र जप कर सकती हैं। इसके बाद विधि विधान से चंद्र देव की पूजा करें। अब छलनी पर दीप रखकर चंद्र देव के दर्शन करें।
क्यों छलनी से देखा जाता है पति का चेहरा?
सनातन धर्म में करवा चौथ व्रत का खास महत्व है। इस पर्व में चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोला जाता है। इस समय पति का चेहरा भी छलनी से देखा जाता है। जानकारों की मानें तो पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत की जाती है। इस शुभ अवसर पर करवा माता की पूजा की जाती है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से व्रती को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। छलनी से पति का चेहरा देखने पर प्रतिबिंब के बराबर सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके लिए छलनी से चंद्र देव के दर्शन किया जाता है। इसके बाद पति का चेहरा देखा जाता है।
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