बिहार चुनाव में दिखेगा ‘झारखंडी नेताओं’ का जलवा, सीमावर्ती क्षेत्रों में नया रंग भरेंगे सोरेन और मरांडी
https://www.jagranimages.com/images/newimg/05102025/05_10_2025-jharkhand_neta_24070897.webpबिहार चुनाव में झारखंडी नेताओं का लगेगा जमावड़ाप्रदीप सिंह, रांची। बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चरम पर है। इस बार वहां झारखंडी नेताओं की मौजूदगी इसे और रोचक बनाएगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस समेत भाजपा के झारखंडी चेहरों की सक्रियता खासकर बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में इस चुनाव को एक नया रंग देगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं प्रचार अभियान में महती भूमिका अदा करेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके अलावा उनके गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस के नेताओं का फोकस भी बिहार में होगा। भाजपा ने बिहार चुनाव में झारखंडी नेताओं को अहम जिम्मेदारियां सौंपी हैं। झारखंड के पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश को चुनाव सह प्रभारी बनाया गया है। उनकी जिम्मेदारी संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में प्रचार को तेज करने की है।
भाजपा और कांग्रेस के नेताओं की भी प्रतिनियुक्ति
दीपक प्रकाश की संगठनात्मक क्षमता और स्थानीय मुद्दों की समझ उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाती है। इसके अलावा, राज्यसभा सदस्य डॉ. प्रदीप वर्मा को बिहार के सीमावर्ती जिलों भागलपुर, कोशी और पूर्णिया में तैनात किया गया है। ये क्षेत्र संथाल परगना से सटे हैं, जहां प्रवासी मजदूरों और आदिवासी मतदाताओं का प्रभाव है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और राज्यसभा सदस्य आदित्य साहू जैसे चेहरे भी एनडीए के मेगा रैलियों में शामिल होंगे।
कांग्रेसी मंत्री बनाए गए जिलों में पर्यवेक्षक
हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस कोटे से मंत्री राधाकृष्ण किशोर, डॉ. इरफान अंसारी और दीपिका पांडेय सिंह को बिहार में कांग्रेस ने बतौर पर्यवेक्षक तैनात किया है। इन्हें भी झारखंड से सटे जिलों में जिम्मेदारी दी जाएगी। सभी नेताओं को निर्देश मिलते ही कूच करने का आदेश दिया गया है।
मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के मुताबिक बिहार में पार्टी नेता राहुल गांधी की यात्रा ने उत्साह का संचार किया है। वहां गठबंधन की सरकार बनेगी। इन नेताओं की सक्रियता से गठबंधन को स्थानीय स्तर पर मजबूती मिलेगी।
सीट बंटवारे पर जल्द निर्णय
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की बिहार चुनाव में भागीदारी इस बार चर्चा का केंद्र है। पार्टी ने महागठबंधन के साथ सैद्धांतिक सहमति बना ली है, लेकिन सीटों की संख्या पर अंतिम फैसला बाकी है। झामुमो ने संथाल परगना और सीमावर्ती क्षेत्रों में 12-15 सीटों पर दावा ठोका है, जहां आदिवासी मतदाता निर्णायक हैं।
हालांकि, राजद ने इसपर अभी अंतिम निर्णय नहीं किया है। झामुमो के शीर्ष नेतृत्व ने संदेश दिया है कि गठबंधन में सम्मानजनक हिस्सेदारी चाहिए। जल्द ही सीट की हिस्सेदारी पर निर्णय हो जाएगा।
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