Mokama: मोकामा में फिर होगा बाहुबलियों की जंग, अनंत सिंह Vs सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी के बीच होगा दिलचस्प मुकाबला!
Bihar Election 2024: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है। इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली सीटों में से एक मोकामा विधानसभा सीट है, जहां मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है। क्योंकि एक तरफ हैं मोकामा के बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह, वहीं दूसरी ओर पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी भी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। राजनीतिक सूत्रों के माने तो, वीणा देवी राजद (RJD) के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं।इसको लेकर 14 अक्टूबर (बुधवार) को सूरजभान सिंह ने खुद तेजस्वी यादव से मुलाकात की। मुलाकात के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी पत्नी वीणा देवी को मोकामा से टिकट दिया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो मोकामा सीट पर एक ऐसा मुकाबला देखने को मिलेगा, जैसा बिहार की राजनीति में लंबे समय से नहीं हुआ।
अनंत सिंह का दो दशक पुराना दबदबा
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मोकामा की राजनीति की बात करें तो यहां अनंत सिंह का दबदबा करीब दो दशक से कायम है। वे 2005 से अब तक लगातार पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं, तीन बार JDU से, एक बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में और 2020 में राजद RJD के टिकट पर। हालांकि 2022 में आर्म्स एक्ट केस में उन्हें सजा मिली, और वे विधायक पद से अयोग्य ठहराए गए, जिसके बाद उनकी पत्नी नीलम देवी को RJD ने उपचुनाव में मैदान में उतारा। नीलम देवी ने जीत दर्ज की और यह साबित किया कि मोकामा में \“छोटे सरकार\“ का दबदबा अब भी कायम है।
अनंत सिंह का नाम हमेशा से सुर्खियों में रहा है, और हाल ही में उन्हें सोनू-मोनू गोलीबारी मामले में जेल भी जाना पड़ा था। आरोप था कि उन्होंने गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया था, जिसके बाद उन्हें पटना के बेऊर जेल भेजा गया। जेल से रिहा होते ही अनंत सिंह ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वे अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा था कि “नीतीश जी ने बिहार के विकास के लिए जो काम किया है, वह आने वाले 25 साल तक जारी रहेगा।“
मोकामा के मतदाताओं में भूमिहारों की हैं मजबूत पकड़
पटना जिले के मोकामा विधानसभा सीट हमेशा से चर्चा में रहती है। यहां भूमिहार, यादव, कुर्मी और अति पिछड़ा वर्ग के वोटर्स अहम भूमिका निभाते हैं। अनंत सिंह का वोट बैंक भूमिहार समुदाय में सबसे मजबूत माना जाता है, लेकिन उन्होंने समय के साथ यादव और अति पिछड़ा वर्ग में भी अच्छी पकड़ बनाई है। अब अगर सूरजभान सिंह के परिवार की एंट्री होती है, तो यह समीकरण पूरी तरह बदल सकता है, क्योंकि सूरजभान सिंह खुद भी भूमिहार समुदाय से आते हैं और मुंगेर से लेकर पटना तक उनका प्रभाव माना जाता है।
सूरजभान सिंह रामविलास पासवान की LJP के करीबी रहे हैं। लेकिन चिराग पासवान और पशुपति पारस गुटों के बीच विवाद के बाद उन्होंने अपनी सियासी दिशा बदलने का फैसला किया है। RJD में शामिल होकर वे न सिर्फ अपने प्रभाव वाले इलाकों में पकड़ मजबूत करना चाहते हैं, बल्कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में एक नया राजनीतिक अध्याय शुरू करने की तैयारी में हैं।
2025 का विधानसभा चुनाव मोकामा के लिए एक ऐतिहासिक लड़ाई साबित हो सकता है।
एक ओर रहेंगे अनंत सिंह, जिनकी पहचान बाहुबली नेता और जनता के बीच लोकप्रिय छवि के रूप में है, तो दूसरी ओर होंगी वीणा देवी, जो अपने पति सूरजभान सिंह के राजनीतिक नेटवर्क के सहारे मैदान में उतरेंगी।
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